तेरी आवाज से वो दर्द बयां होता है मेरी मानों तो एक बार कहा होता जो । मान जाता हूँ तेरी मीठी – मीठी बातों से याद आता है वो आवाज तेरी राहों में । मैं खुशनशीब हूँ जो तुमसे मिला राहों में तेरी आवाज में वो राज मिला आहों […]

तुमसे मिलने की इजाजत मांगता हूँ कुछ नहीं तुम्हारी चाहत मांगता हूँ अभी जी भरके तुमको देखा कहां है सुकून मेरे दिल को राहत मांगता हूँ मंदिर,मस्जिद, गिरिजाघर  गया मैं मांगी है दुआएं, सलामत मांगता हूँ आँचल लहरा दो,रहो तुम मुस्काती वो अदा शोखी,वही शरारत मांगता हूँ बनो प्यार मेरा […]

बिटिया भी चिड़ियाँ होती है पर पंख नहीं होते उनके दो जगहों का सुंदर रिश्ता मायका, ससुराल पर घर नहीं होते उनके । जनम दिया जिस मात – पिता ने कहते बेटी तो परायी है ससुराल में जब जाती बेटी सास – ससुर कहते ….. ये तो परायी घर से […]

मुझे हर पल तेरा बिछड़ना बहुत याद आता है खुदा ना खास्ता वो मिलना अब रूलाता है हमने ऐसे ही गुजारा जो वक्त तनहा का आज मुझको वो गुजरा जमाना काट खाता है । ऐसा सुनती हुँ जहाँ में हमारी चर्चा है आज अपना वो अफसाना बहुत याद आता है […]

हे माई ! मैं बोझ नहीं, मुझको यूँ ना दूत्कारों, तुम ही तो मेरी सब कुछ हो, मुझकों यूँ ना मारों, आने दो मुझको जहाँन में, नाम करूँगीं रौशन, कर दूँगीं न्योछावर मैं, मात- पिता पर जीवन । तेरी हर तकलीफ को माता, ममता से भर दूँगी, मैं भी तेरी […]

पढ़ लिख कर नाम अब तो कमाती है बेटियां, हर गुण में आगे बढ़ती बढ़ाती है बेटियां, जीवन के सुख-दुःखों में हाथ बढ़ाती है बेटियां, माता-पिता का ध्यान सदा रखती है बेटियां ।   रिश्तों को बखूबी से निभाती है बेटियां, ससुराल और माइका चलाती है बेटियां, रिश्तों के डोर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।