हे ! प्रभु ,हे ! नाथ हमारे नमन तुम्हें करती हूँ, अपनी श्रद्धा के पुष्प सारे अर्पित तुम्हें करती हूँ। सारे संसार की रचना करके तुमने ये सुन्दर जहां बनाया है, जीव,जन्तु और प्रकृति से इसको खूब सजाया है। कल-कल करती बहती नदिया और सजी हरियाली है , बन्दर ,ऊँट […]