इन्ही से आज ये श्रृष्टि अभी हैं। बेटी मात बहू बहिने सभी हैं। दुनिया का नाम रोशन किया। वीरांगना बन दर्शन दिया।। काम सारा यहा होता तभी हैं।। बेटी मात बहू बहिने सभी हैं।।1।। किस्मत तो सबकी होती हैं। फिर तो क्यों  बेटी  रोती हैं।। खुशियाँ चेहरों पर कभी कभी […]

अधूरा हूं तुम बिन पर उम्मीद है तुम एक दिन आओगी कहीं से अचानक आकर मुझसे टकराओगी। जानोगी मेरा हाल और मुझे देख मुस्कुराओगी शायद उस दिन तुम न चाहते हुए भी मेरी बन जाओगी। मेरा सुख-दुःख बांटोगी मेरा जीवन मधुर बनाओगी और मेरे हृदय में बस मेरी काव्य धारा […]

ये जुदाई नहीं गवारा है । एक तू ही मिरा सहारा है।। मैने माना खुदा तुझे अपना, क्या ये कसूर भी हमारा है।। ख़्वाब मीठे भला रहें कैसे, नैन के जल का स्वाद खारा है।। फूल खिलने लगे बगीचे में, प्यार होने को अब दुबारा है।। आओ”ममता”गले लगो फिर से, […]

मेघा क्यों बृजगाँव में आए नहीं तनिक तुम हमको भाए उलट पाँव अब जाओ पुरी को जहाँ राज मोहन मन छाए । कहना उन बिन ऊसर मधुवन नहीं चहकता अब नंदनवन सूना सूना सब बृजमंडल नहीं महकता है वृंदावन । साँवरिया के मधुर मिलन बिन भला मेघ ऋतु किसे सुहाए […]

वेद पुराण शास्त्र सारे योग का महत्व बतायें । योग को हम अपनाकर समाज को समृद्ध बनायें । थोड़े आसन हम  नित्य कर काया अपनी निरोगी बनायें । देश के बच्चे बच्चे को योग का हम ज्ञान करायें । बदलती जीवन शैली में योग को अपना लक्ष्य बनायें । यौगिक […]

मनुज श्रेष्ठ के कर कमलों को लिखने का अधिकार मिला माँ श्वेता का वरदान मिला लेखनी को सम्मान मिला शब्दों को अनुपम जहान मिला उड़ने का अरमान मिला मन पँखों को आसमान मिला । लिखने का अधिकार मिला ।। सपनों को है आकार मिला खुशियों का संसार मिला कल्पना रूप […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।