आज भी लुट रहा है, चीर नारी का। नारी, हर किसी पर है भारी। लेकिन न जाने क्यों हो रही है उसके साथ घटना दिन प्रतिदिन। कहते भी है कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता” , फिर भी कर रहे हैं, छल,कपट,अत्याचार नारी के साथ, हम और आप मिलकर। […]

तेरे  आने के  इंतज़ार में बिताये हमने  हैं कई साल कैलंडर तो हम  बदलते रहे  पर मनाया न कभी नया साल गुजर गए फिर  बारह महीने पर सुखा न आसुंओ का सेलाब अब सजदा भी करूँ  कैसे जब तेरे इश्क में हुए हम कंगाल  दिल में सहेज कर  बैठे है  तेरे वादों की  किताब को आज भी जी रहे हम […]

जाग उठी फिर शिव की सेना, अब ताण्डव दिखलाएगी ज्वाल बनी अब ये चिंगारी, दुश्मन को राख बनाएगी रक्त सुशोभित हो उठेगा, काश्मीर की घाटी में नरमुंडों की होगी माला, हर फौजी के हाथों में पत्थर से जो सर फोड़े थे, बाजू आज उखाड़ेंगे चुन चुन कर ऐसे चेहरों की, […]

पापा आज टेलीविजन पर बार बार तीन तलाक का जिक्र हो रहा है । क्या मसला है यह ?जिस पर आज संसद में बहस भी चल रही है। बेटा यह महिलाओं के साथ एक अन्याय है।इस कुप्रथा के अनुसार शादी शुदा औरत को तीन बार तलाक बोलने मात्र से उनका […]

साहित्यिक उपज की दृष्टि से काशी प्राचीन काल से उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक उर्वर भूमि है। इस भूमि पर भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के साहित्यिक मशाल को प्रसाद, प्रेमचंद और रामचन्द्र शुक्ल के साथ ही जलाए रखा एक चिर युवा साहित्यकार ने जिसका जन्म काशी के निकट मिर्जापुर में हुआ था किन्तु […]

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स्वस्थ अगर रहना है तन से, सुबह सुबह में योग करें। मर्यादा में रहना है तो, शौचालय का प्रयोग करें।। ना जाने कितनी बीमारी, खुले शौच से होती हैं। और घर की बहू बेटियां, अपनी इज्जत होती हैं।। मूंछों का ख्याल रखो तुम, महिलाओं का मान रखो। बेटी घर की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।