भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी… एक ऐसा नाम जिसने भारतीय राजनीति को अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से इस तरह प्रभावित किया जिसकी मिसाल नहीं मिलती। 1975 में मैं रक्सौल के हजारीमल उच्च विद्यालय का छात्र था। उसी दौरान उनका आगमन विद्यालय के प्रांगण में हुआ था। अपने प्रिय नेता को […]

कसक बीते हुए लम्हों की यादें उस गुलिस्तां की… एक वक्त था जब घर के अहाते के अंदर बागीचे में तरह तरह के पेड़ पौधे हुआ करते थे। अलग अलग किस्म के पेड़ पौधों के लिए अलग अलग क्यारी बनी थी। 1950 में बाबूजी ने रक्सौल स्थित अपने निवास ‘शांति […]

आज विश्व पर्यावरण दिवस पर आइये अपने आप से कुछ सवाल करें…कि आने वाली पीढ़ी के लिए हम कैसी धरती और कैसा पर्यावरण देने जा रहे हैं… यह प्रश्न हमारे सामने यक्षप्रश्न बनकर खड़ा है और जब तक हम साथ मिलकर इसका जवाब ढूंढ नहीं लेते तब तक यह दिवस […]

  भाग ४……………. मुंबई प्रवास के दौरान कितने ही कलाकारों से रूबरू होने का मौका मिला…बी.आर.स्टूडियो में हर रोज तमाम फिल्मी हस्तियों का आना-जाना लगा रहता था…उनके साथ जुड़े अनगिनत यादगार लम्हे हैं,जो स्मृतियों में आज भी ताजा हैं…उन्हें इकठ्ठा करने की कोशिश करूं तो एक खूबसूरत गुलदस्ता बन जाए…l […]

मुहब्बत जाम है या जहर जाने दो, इस आग के दरिया में उतर जाने दोl जो लम्हें साथ गुजरे वही जिंदगानी है, ये दिन ये महीने ये शामो-सहर जाने दोl अब तक जिस भुलावे में गुजरी है ये उम्र, उसी खयाल में बाकी भी गुजर जाने दोl तुम भी बेशक […]

आज इन होंठों पे नया राग दे दो, इक नगमा खामोश है उसे आवाज दे दोl …. आंसूओं को आंखों में छिपाकर दोस्तों, मुस्कुराने का नया अंदाज दे दोl …. उलझती है जिंदगी हरदम सवाल में, कोई आज सवालों का सीधा-सा जवाब दे दोl …. वो कैसा नशा था,जो दो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।