जिंदगी में जीने के तरीके बता दे जिंदगी दुःख में जीते कैसे है,?और सुख में आज सवाल है मेरे मन में लेकिन उत्तर नहीं दुःख में आँख से आँशु छलक क्यों जाती है? और सुख में आँख से आँशु कहाँ जाती है? क्या आँशु ही सुख दुःख का अर्थ है? […]

सावन, नाम सुनते ही मन में राहत की फुहारें से बरस जाती हैं और मन में तैर जाते हैं उमड़ते-घुमड़ते बादल, कूकती कोयल और पंख फैलाए मोर, सेवीयां, घेवर, बागों में पड़े झूले और पींघ झूलती युवतियों के गीत। भारतीय समाज में सावन केवल बरसात व भीषण गर्मी से राहत […]

जुझारु राजनीति, संघर्षशील व सादे जीवन के चलते पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी को ‘बंगाल की शेरनी’ के नाम से भी जाना जाता है। बौद्धिक व सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बंगाल में लगभग 34 साल तक चले वामपंथी राज का जिस तरह ममता ने तख्तापलट किया और तानाशाही से […]

क्यों नहीं समझ रहे हो मानव मेरी अजाब को, आँचल फैला के माँग रही हूँ आफताब को। क्यों सोच रहा है मानव की हम अग्यार है, इस्तिफाक से नाजिश कर तोड़ दिया साथ को।। क्या मिला तुम्हे हमे अख्ज कर के ज़माने  में, कल्ब तोड़ के गिरिया हम मानव नाफहम। […]

तेरे दिल के मंदिर में मुझे एक दीपक जलाने दे, तेरे इश्क़ का पुजारी हूँ मैं,दुनिया को बताने देl सेवा तेरी कब तक करूं मैं,एक झलक दिख जा, हर रोज सुबह तेरी पूजा करूँगा,मुझे नहाने देl ठण्ड के मौसम में भी तेरी तपस्या कर रहा हूँ, उपवास रखा हूँ परसों […]

दाग सीने में गोलियां,सब सहन कर सकता हूँ, भारत माँ का बेटा हूँ,सब सहन कर सकता हूँl भारत माँ सब कुछ है मेरी,दुश्मन मिटाने निकला हूँ, सोना पड़े भले बर्फ में,सब सहन कर सकता हूँl भारत माँ का बेटा हूँ,निकल पड़ा अकेला हूँ, माँ का आशीर्वाद है,सब सहन कर सकता […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।