आज काश्मीर में धोखा, गद्दारी चित्कार !हाहाकार ! सिसकती सभ्यता कराहती हुई संस्कृति कैसी है विडम्बना! कैसे वहां के लोग कभी सेना पर हमला तो कभी पत्थरबाजी कभी दुश्मन की छांव आखिर क्यों ? कौन है तेरा देश कहां तेरा गांव जो देता तुझे छांव घाव देते तुम उसे कुठांव […]

भाषा करती है सांस का अभ्यास हास परिहास के कंटक झाड़ों पर चिर जाती है भाषा जैसे हो पतंग भाषा है मिट्टी ,पानी और हवा भी पूर्ण रूप से प्राण है अपनी भाषा मूक कोंपलों सी कराहती हुई वह ढूंढ रही है व अपनी वेशभूषा को छटपटा रही है भाषा […]

भारत सरकार का विध्वंसकारी निर्णय (SC/ST एक्ट) १) सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार FIR से पहले DSP स्तर की जांच होगी जिसे संशोधन किया गया और संशोधन के बाद नया कानून बना, शिकायत मिलते ही FIR। २) सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, गिरफ़्तारी के लिए पहले इजाज़त ज़रूरी […]

वृंदावन विहारणी कृष्ण दुलारी,       पहन अंग लाल चोली घाघरी मृगनयनी चंचल राधा उजियारी,        कमरबंध पतरी-सी कमरिया। इतराती बल खाती रसवेश्वरी,       खोजें नेत्र कहाँ है साँवरिया कृष्ण प्रेम में हुईं बावरिया,      बाँध कृष्ण की प्रेम डोर खींचे जात प्रिय बाँसुरिया। […]

उलझा मन, घायल तन आंखों में रुका, खारा जल रुक जाऊं… या बढ़ जाऊं! तुम्हें देखूं! या अनदेखा कर दूं, देखो वो देखो चारों ओर यही शोर था, सुनो सुनो… व्याकुलता लिए असमर्थ क्रंदन था, भूमि की गोद मौन शरीर था। भावनाएं,संवेदनाएं लिए थी खालीपन, शायद अंर्तमन को प्रश्नों ने […]

मुहब्बत के चिरागों को अँधेरा चीरते देखा, जवानों को हवा का रुख हमेशा मोड़ते देखाll  नहीं अभिशाप निर्धनता समझ जिनको ये’ आ जाए, उन्हीं की मेघ गर्जन को गगन में गूँजते देखाll  बिना माँझी के’ भवसागर न नैया पार अब  होगी, भँवर में डूबते जन को सहारा ढूँढते देखाll  असर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।