तुम्हें याद कर के पुकारा करेंगे अब तुम बिन हम ना गुजारा करेंगे तेरी रुसवाईयों से भी मुक्कमल करके जीवन के हर मोड़ पर तुझे इशारा करेंगे रूठकर जीवन में कभी ना तुझसे तेरी यादों से हम ना किनारा करेंगे मेरे जीवन की बेशकीमती दर्पण हो तुम तुम बिन हर […]
क्षत्रियों पर संकट जब आन पड़ी, तब हिन्द ने रुड़की में ऐसा शेर जना। तिहाड़ भी जिसको रोक न सका, अफगानिस्तान भी न कर सका मना।। पृथ्वीराज चौहान की अस्थियों को भी जिसने, मुल्लों के मुल्क से डटकर छीन लिया। चार बांस चौबीस गज से भी बड़े जिगरे वाला, मां […]
धर्म,शिक्षा और साहित्य के लिए विश्वविख्यात देश में आज प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला वेलेंटाइन डे, भारतवर्ष के सभ्यता एवं संस्कृति के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। वर्तमान युवा पीढ़ी अपने कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों से विमुख होते हुए अपने चरित्र का सत्यानाश रोज डे, चाॅकलेट डे, प्रपोज-डे,हग […]
मेरे जीवन में तेरा आना, आकर दिल में दस्तक दे जाना, क्रुर दिल को कोमल बनाना, कर्तव्य मार्ग का पाठ पढ़ाना, तेरी मासूमियत, संस्कार, सभ्यता, और तेरे माथे की वो बिंदिया, जैसे-जैसे जचती है । तू भी सजनी मेरे मन में, वैसे-वैसे बसती है……२ तेरी वो हिरणीं नयन जो तेरे, […]
दोस्तों के हौसला-अफजाई से, हर बुलंदियों को भी कदमों में झुका लूं। ये दोस्त तेरी दोस्ती में तो, तेरे हर गमों को भी सर पे उठा लूं।। इस दुनिया के समस्त चराचर, एक दिन बिखरे पंचतत्व हो जाएंगे। बस कर्म, मां बाबूजी और मित्र हीं हैं ऐसे, जिनकी यादें अनंत […]
जिन्दगी जीना यूं सिखायेगां कौन, मुझ जैसा सबको मनायेगां कौन!! महज बात ही हो मेरी कही अगर, तो आलोचकों को सम्भाल पायेगां कौन! हर बार झुकते आये है हम ही, इस बार झुक कर दिखायेगां कौन! है हालात खराब अब मेरे बहुत, उनको बेहतर बना पायेगा कौन? जान ही तो […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।