ज़िन्दगी में किसी पे मेहरबां हम थे जहाँ में अब कहाँ हैं कल कहाँ हम थे। अभी हालात से मज़बूर हैं लेकिन तुम्हारी जिंदगी की दास्ताँ हम थे। तुम्हारी बदज़ुबानी चुभ रही लेकिन ज़िन्दगी में सलीके की जुबां हम थे। ये तख़्तों ताज हुकूमत कब तलक वो सब भी वहाँ […]
वर्ष और घर-द्वार बदलते देखें हैं जां से प्यारे यार बदलते देखें हैं। देखा है दिल पे कुछ होठों पे कुछ पल-पल किरदार बदलते देखें हैं। नफ़रत देखी,देखा हमने प्यार चेहरे सौ-सौ बार बदलते देखें हैं। हर बार उसे अपना समझा जाना लेकिन बारम्बार बदलते देखें हैं। मुझे तोड़कर वो […]
भारत के सच्चे सपूत,लौह पुरुष को मेरा वंदन जनगण के मन में महके बनके शीतल चन्दन तुमने राष्ट्र का मान बढ़ाया,तुम नए भारत के सूत्रधार राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोया,करते नमन हम बार-बार तुम राजनीति के सूरवीर,स्थापित किए कई कीर्तिमान तुम कूटनीति के ज्ञानवीर,तुम हो शंका के समाधान निरपेक्ष […]
गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार हो रहा है कितना देखो अत्याचार जात-धर्म से हो गए,सब यहाँ लाचार ईमान का भी हो रहा खूब व्यापार गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार लूट-पाट,दंगो की दुकानें चल रही बहू-बेटियों की अस्मिता लुट रही मंदिर-मस्ज़िद भी फल-फूल रही इन सबसे भरा हुआ है […]
बहर :- फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फायलुन 2122 2122 212 रदीफ़ :-सीखिए काफ़िया :-आना अपने अश्क़ो को छिपाना सीखिए गर्दिशों से दिल लगाना सीखिए।। है बहुत दिल को दुखाने के लिए शहर भर को आज़माना सीखिए।। ज़िन्दगी उलझन में ही उलझी रही हाथ सबसे ही मिलाना सीखिए।। हो गया कमज़र्फ दिल सबका […]
ग़र इंसां का पता नही होता। ज़िंदगी भी ज़िया नही होता। पता नही होता। ज़िंदगी भी ज़िया नही होता। वो सफ़र में मिला नही होता। दर्द मेरा हरा नही होता। ज़िंदगी की पतंग भी उड़ती। डोर से फ़ासला नही होता। दौलत ही चीज़ ऐसी होती हैं। क्या इंसां में नशा […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।