हम गर्व महसूस  करते हैं मीठी है हमारी बोली हम हैं हिन्दुस्तानी । अंग्रेजों ने हमें गुलाम बनाया फिर भी हमने अंग्रेज़ी भाषा को अपनाया । अंग्रेज़ी जब बोलते हैं हम स्मार्ट हो जाते हैं । ये सोच अब बदलनी चाहिए हिन्दुस्तानी भाषा को दिल से अपनाना है। हम हैं  […]

मैं राखी हूँ सदा श्रावण महीने की पूर्णमासी के दिन आती हूँ इसलिए मैं श्रावणी कहलाती हूँ….. मैं राखी हूँ….. आदि काल से आज तक मैं भाई-बहन के पावन रिश्तों को बांधकर रखी हूँ….. मैं एक राखी हूँ….. देश के रक्षक सीमा पर तैनात सूरमा सिपाही उन भाईयों की मैं […]

         एक निश्चित भौगोलिक सीमा के भीतर रहनेवाले एक जन-समूह को ही तो हम राष्ट्र कहते हैं, जिनकी एक पहचान होती है और वह समूह आम तौर पर धर्म, इतिहास, नैतिक आचारों या विचारों, मूल्यों आदि में एक समान दृढ़ता रखता है । इसे और भी साफ […]

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     “रिया, आज स्कूल में होमवर्क दिया है या नही?” अनन्या अपनी बेटी से पूछती है । रिया झट से बैग में से पुस्तक निकलकर कहती है, “हाँ माँ ।” जोकर की तस्वीर दिखाती हुई, “माँ, देखो , मैम ने इस जोकर की छवि बनाकर उसके ऊपर पाँच वाक्य […]

*विधा-मनहरण घनाक्षरी* नभ पर घटा छाई देख के धरा मुस्काई डोले डाली झूम झूम सभी मिल गा रहे। खुशियों की वर्षा आई प्यास धरा की बुझाई पवन जी पंखों पर बारिश को ला रहे । चारों ओर हरियाली हर्षित किसान माली आया सुहाना मौसम  सब जन आ रहे। गरमी का […]

बात हैं सन् सोलह सौ सत्तावन की , मुगल सेनापति रामसिंह ने हमला बोला था असम पर लेकर अनगिनत सेनानी साथ । नहीं पीछे थे लाचित बरफुकन जो थे वीर ,देशप्रेमी आहोम के सेनापति । कम सेनानी लेकर कैसे रोक सकेंगे शत्रु को , रण कौशल जानते थे वो रातों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।