अमित अमीत अधूत आज क्यों, मनमानी पर उतराए हैं ? समीकरण क्यों बदल रहे हैं, समदर्शी क्यों घबराए हैं ? अब कैसी है यह दुरभिसंधि, दुरुत्साहन यह कैसा है ? दुराग्रही के आगे नत क्यों, सुसंचालन यह कैसा है ? सैनिक हैं वसुधा के लथपथ, आहत माँ संत्रस्त हुई है। […]

  कोई  हलचल  न   ही   रवानी   है। कैसी  ‘ठहरी-सी’ जिंदगानी है।।   तू जो कह दे  तो  बात  हो कोई। वर्ना    हर    बात ही   बे’मानी  है।।   क्यूँ  बहारों    की  आरजू   में   ही। बेवफा  ये     फ़ना  जवानी    है।।   पेड़-पौधे    ज़मीं  नदी   जैसी। प्यार   ही  इक  अमर  निशानी  है।।   […]

राष्ट्र-प्रेम का प्रदीप, सदैव दीप्तिमान हो। विश्व-ऐक्य-भाव ही, सर्वथा प्रधान हो।। कोटिशः नमन तुम्हें, धीर वीर महान हो। त्याग शान्ति समृद्धि के, तुम्हीं तो वितान हो।। शुष्क हृदय न हो कभी, प्रेम प्रवाहमान हो। कर तिरोहित वैरभाव, अधर मात्र मुस्कान हो।। है एक प्राण दाता पूज्य, सर्व-धर्म समान हो। मनुज […]

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रामायण में आदिकवि,करते हैं उल्लेख। रामराज्य के रूप को,खुले नयन मन देख।। ग्यारह हजार वर्ष तक,रहे अवध श्रीराम। बन्धु-बान्धवों संग ही,बना लोक सुख-धाम।। रावण रुपी छ्ल मरण,हरण दंभ सब पाप। सत्य सुयश का मार्ग ही,दिखलाते प्रभु आप।। सीता माता के हृदय,नाथों के हैं नाथ। मर्यादा पालक प्रभो,रहे सर्वदा साथ ।। […]

न नवल मंजु शुभ सुबह हो,सुखदायक हर शाम। या यादें  प्रिय-हिय  में बसी,रहे अधर  पर  नाम।। सा साथ  सदा  त्यौहार  हों,और ख़ुशी  हर ओर। ल लहराए  मन झूम  के, हो  रंगों  का   जोर।। मं मंदिर-सा  महके सदा,यश  वैभव  सब ओर। ग गर्वित भाल  उठा  रहे,खिली  रहे  हर  पोर।। ल लघु स्वर्णिम रवि रश्मियाँ,हिय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।