रे पाकिस्तान बेहाया ~~ तुझे भारत माँ ललकार रही है , पुलवामा मे हमला करके , बेशर्मी दिखाने वालो , नीच कहाने वालो , रे पाकिस्तान बेहाया ~~~ अब तू न बच सकोगे , और न तू अब जी सकोगो , तुम्हे चाहे साथ दे अमेरिका या चीन , फिर […]

गोदान के संदर्भ में दो मुख्यत: बातें सामने आती हैं। एक 1936 में प्रकाशित मुंशी प्रेमचंद का जग जाहिर उपन्यास गोदान और दूसरा मत्यु के उपरान्त वैतरणी पार करने के लिए गोदान। इन दोनों गोदानों में गाय का जिक्र है साथ ही आज के दौर में परिवर्तन की शुरुआत हो […]

माता-पिता के आँगन, प्रेम मिला खुशहाल, खेलकूद कर हम, बचपन से पली। मन में कपट न था, मिला मूझे आशीर्वाद, रस्म-रिवाज विवाह, पूरा करने चली। रंगा-रंग कार्यक्रम, बारात लेकर आये, घर-द्वार सजा सब, सहनाईयाँ बजी। कन्या-दान दिये पिता, किये अपने से जुदा, नवाचार शुरुआत, करने आगे बढ़ी। माता-पिता का जगह,सास-ससुर […]

सूर्य की प्रथम रश्मि शैशव काल में लुढ़कते कदमों से चल पड़ती है बिना गन्तव्य सोचे कभी तेज कभी मंद कदमों से और आ पहुँचती है वसुधा के आँगन में। समृद्ध घर की बेटियों की तरह देखते ही देखते समय को पीछे ढकेलकर किशोरवयी हो जाती है। क्रान्ति की अनगिनत […]

अब शिकवा भी  क्या करे जब वो हमे भूलाने, पास आ कर वो हमारे अब दूर जाने लगे. बादल भी सिखने लगे हैं आंसूं बहाना, जब सावन की धूप भी धरती की  जलाने लगे. चांदनी चंद को अब लगी हैं अब तडफाने, चांद  सितारों से  जब दिल बहलाने लगे. रंग होली के लगते हैं […]

खुशियों की टोकरी में, उम्मीदों की धूप लिए, वह गुनगुनाती जाती है, घंघोर अंधेरा टूटेगा, जुल्म की धुंध छट जाएगी, जब इल्म का सूरज उगेगा, ज्ञान प्रकाश छा जाएगा, तब नभ चूमने उड़ेगे, सब खग, हर कली फुल बन जाएगी, जब ज्ञान चक्षु खुल जाएंगे, भंवरे, गीत ये गाएंगे, “एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।