मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मे और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले डॉ. वेदप्रताप वैदिक ( जन्म- 30.12.1944) यायावरी प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं. उन्होंने लगभग 80 देशों की यात्राएं की हैं. हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा रूसी, फारसी, पश्तो, जर्मन और संस्कृत के भी जानकार हैं. […]

मुंबई लौटते – लौटते आशंकाओं का बाजार गर्म हो चुका था। इस प्रकार अचानक मेरे लुप्त हो जाने से मेरे शुभचिंतक, मित्र और परिचित आशंकित हो उठे थे। कुछ लोगों के मन में यह सवाल घुमड़ रहा था कि सोशल मीडिया पर निरंतर सक्रिय रहने वाला यह व्यक्ति जो भाषा […]

सियासत एक ऐसा खेल है जिसकी रूप रेखा सदैव ही पर्दे के पीछे से तय की जाती है। पर्दे के बाहर खुले आसमान के नीचे सियासत का दिखाई देने वाला रंग-रूप पर्दे के पीछे ही गढ़ा जाता है यह एक अडिग सत्य है। जिसे नकारा नहीं जा सकता। इसका मुख्य […]

‘‘जवान तुम्हारी माताजी ……….का निधन हो गया है, तुम फील्ड से वापिस आ जाओ…………….’’ वायरलेस पर आयी इस सूचना ने सचिन को थोड़ी देर के लिए स्तब्ध कर दिया । तभी सामने से आई एक गोली उसके सामने रखी रेत कीे बोरी में घुस गई । सचिन चैक गया उसने […]

क्यों मानें कि सपना कोई साकार नहीं होता, हम गुजरे कल की आंखों का सपना ही तो हैं।। सुनील चौरसिया ‘सावन’ संभवत: स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र थे जब पहली बार उन्होंने मुझे काव्य सर्जना में अपना प्रथम प्रयास दिखलाया था जो गीता का भावानुवाद (श्रीकृष्णार्जुन भावधारा ) था। प्रथम […]

बाल एक जीवित पदार्थ है जो स्तनधारियों के शरीर पर ही पाया जाता है। यह त्वचा की बाहरी सतह से निकलने वाली एक रेशेदार संरचना है। मुड़ पैरों वाले कीड़ों में भी ऐसी संरचनाएं होती हैं जो शरीर से बाहर निकलती हैं, लेकिन उन्हें बाल नहीं कहा जाता है क्योंकि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।