तुम्हारे दर पर आकर के भगवन, हौले से तुमको जगा रही हूं, न कुछ मैं जानूँ,न कुछ मैं समझूं, तुम्हीं से तुमको मंगा रही हूँ। तुम्हीं सुदामा के मित्र प्यारे, तुम्हीं यशोदा की आंखों के तारे, मेरी भी बिगड़ी बनाओ प्यारे, तुम्हीं से अर्जी लगा रही हूं। तुम्हारे दर पर […]