चेहरे पर झूठी मुस्कान,ख़ंजर छुपाए बैठा हूँ। मैं आज का इंसान हूँ,घात लगाए बैठा हूँ॥ सम्भलना,सम्भलना मुझसे तुम्हारी जिम्मेदारी है। मैं तो अखबार में भी क़त्ल छुपाए बैठा हूँ॥ मसला कुछ यूँ है आजकल मेरे वतन भारत में। मैं भारत को हिन्दुस्तान बनाए बैठा हूँ॥ कुछ लोग खफा होंगें, […]
