आर्यधरा की रज छूकर प्रफुल्लित हुआ मन मेरा श्रद्धानन्द की कर्मस्थली पर नतमस्तक हुआ है मेरा गुरुकुल कांगड़ी ज्ञान मंदिर आर्य पताका फैहराता है गांधी को महात्मा मान दिया देशभक्ति को अधिमान दिया गंगा के पावन तट से ही तो दयानंद ने पाखंड खंड किया रूपकिशोर इस मंदिर को फिर […]

ओम शांति से अभिवादन करो परमात्मा याद से दिन की शुरुआत ओम शांति मन्त्र है अदभूत सिखाए आत्म स्वरूप की बात शांत रहना स्वभाव आत्मा का अशांत का कही नही स्थान शांत स्वभाव में रहे आत्मा इसका अभ्यास करना होगा व्यर्थ चिंतन से मुक्ति ले लो परमात्मा में ध्यान लगाना […]

मान बढ़ाओ भारत का करों ईमानदारी से काम भारत तरक्की करता रहे बढ़ता रहे दुनिया में नाम खूबियों का देश है भारत बोली,भाषा, संस्कृति ,पर्व धर्म ज्ञान की बहती गंगा सर्दी,गर्मी,बरसात पर गर्व कमिया कुछ हममे भी है खूबियों की भी कमी नही ईश्वरीय आस्था का देश ये देश भक्ति […]

परमात्म याद में समय बिताओ ईश्वरीय वरदान स्वतः पाओ स्वयं को शरीर नही, आत्मा समझो देह अभिमान से मुक्त हो जाओ सुख शांति का मार्ग यही है राजयोग का अभ्यास बढाओ तन मन दोनों स्वस्थ हो जांएगे चिकित्सक भी चकित रह जाएंगे चमत्कार अनूठा राजयोग का आत्मा से परमात्मा का […]

सदा सकारात्मक सोच रखिए सकारात्मकता के पथ पर चलिए सकारात्मकता से बढ़ती मिठास है समाज के लिए यह वरदान है सकारात्मकता सदराह दिखाती लक्ष्य मंजिल को पास ले आती नहीं तनिक होती हानि इसमें सदगुणों की सारी कहानी इसमें सकारात्मक सोच का करो संकल्प यही है सदजीवन का ठोस प्रकल्प […]

पूरे डेढ़ सौ बरस हो गए बापू चाहे जंगल हो या फिर टापू लगातार आपकी ख़ोज जारी है आप नही मिले यह लाचारी है पहले न्याय मंदिरो में मिलते थे जज के पीछे तस्वीरों में सजते थे अब वहां भी तस्वीर बदल गई लगता है सच्चाई ही खो गई आपने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।