विश्व को बचाना है तो वृक्ष लगाना सीखो भारत। बच्चों से प्यारे पौधों को पानी पिलाना सीखो भारतll सूख रहे हैं आम-कटहल,कट रहे हैं नीम-पीपल। रूठ गई है धरती मैया,रूठ गए प्यारे बादलll सूखा पड़ने से पहले नई कहानी लिखो भारत, विश्व को बचाना है तो वृक्ष लगाना सीखो भारत। […]

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  कितने प्यारे हैं  ये जानवर, जिसे करते हैं प्यार उस पे देते ,जान वार। ये मनुष्यों को भी देते हैं  प्रेम से जीने का, शार, कोई मजहब नहीं है इनका और न कभी सियासी दांव-पेंच में करते एक-दूसरे पे ,प्रहार। कभी बलि, तो कभी कुर्बानी के नाम पे मारते […]

एक पक्षी होता है जिसे बुंदेलखंड में ‘किलकिला’ कहा जाता है। किलकिला सदैव नदी की धार के ऊपर बीच में उड़ता है। वो उड़ते हुए ही नदी में रहने वाली मछलियों को देख लेता है, ये मछलियाँ उसका भोजन होती हैं। उसे जब भी भूख लगती है, वह तीर के […]

  नामकरण पर ध्यान धर,करते  हिय से जाप। अनुयायी असहिष्णु  बन, करते नहीं प्रलाप। करते  नहीं  प्रलाप, गूढ़जन  यदि अज्ञानी। होता   कैसे   ज्ञात,  यही   हैं  असली दानी। दे  प्रश्रय  पाखंड,पड़े  हैं अधम- चरण पर। छले- वही  बहुरूप,फँसे जो नामकरण पर॥               […]

नहीं अकड़ना यहाँ कभी भी, महक के जैसे बिखर के जाओ, जो याद कर ले तुम्हें ज़माना,सलाम ऐसा भी कर के जाओ……। ये लोग मुझसे हैं आज कहते, नदी के जैसे सम्भल के जाओ, मगर समंदर है आज अंदर, ये लोग कहते हैं डर के जाओ…….। नहीं है कीमत यहाँ […]

बहुत हुआ माजरा गम का, रातों की नींद गई आसमां पर दिन का आस खोता नजर, मनुष्य लुप्त होते नजर खुश तो है नहीं तू, फिर आतंक बन्द कर।          जर्जर मत कर ये धरती, कल तेरा भी खाक होगा आज जीत का जश्न कर, कल तेरा भी बर्बाद होगा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।