गूँज उठी थी किलकारी मेरे आँगन में, चांदनी की तरह शीतल-सी कली की तरह नाजुक-सी, मेरी प्यारी नन्हीं-सी बिटिया रानी थी। सौभाग्य है हमारा, घर-घर दी बधाइयां मेरा आँगन महकाया, बेटी तो घर की रोशनी होती हैं। सब कहते हैं दिखती हैं, माँ जैसी होती हैं माँ का सहारा, और […]
