वतन का रूप बदलेगा कभी,मुझको नहीं लगता, चमन खुशबू से महकेगा कभी,मुझको नहीं लगता। खिलेंगे फूल खुशियों के गरीबों के भी जीवन में, अब ऐसा सूरज निकलेगा कभी,मुझको नहीं लगता। दिनों-दिन जिस कदर अपने में बढ़ती जा रही महंगाई, चने का भाव उतरेगा कभी,मुझको नहीं लगता। गगन के चांद को […]