निर्जन नाम साथ हरे-भरे खेत-खलिहान, और कुछ आढ़ी-टेढ़ी बस्तियों-सा गाँवl कुछ अकेले और मन संचित ह्रदय वाले, आशा के रहीम,फकीर ह्रदय का मूर्छावl कर्ज में पीढ़ी-पीढ़ी और आत्मज अर्पण, बँटता रहता,रीढ़ की हड्डी-सा बचा-कुचाl मन उज्ज्वल मन्दिर,आशा उसकी माया, काया को न नसीब ह्रदय आशा का सच्चाl मन तिनकों से […]