आओ दीवाली,धूम मचाएं, मिलकर खुशियां,खूब मनाएं। सच में सबको मिले दीवाली, आओ मिलकर दीप जलाएं॥ हर चेहरे पर,रौनक निखरे, खुशियों की, फुलझड़ियां बिखरे॥ सबको खुशियां,प्यार बहुत-सा, देने का संकल्प उठाएं। आओ दीवाली,धूम मचाएं, मिलकर खुशियां,खूब मनाएं। राम आगमन,के पावन दिन, भूखा न हो, कोई जन-मन॥ घर-चौबारे,मन के द्वारे, मंगल वंदनवार […]

शरद ऋतु के आगमन का, आओ मिलकर स्वागत करेंl मौसम में पैदा हो रही ठंडक का, दीप जलाकर अभिनन्दन करेंl दीपोत्सव मनाने से पहले, घर की सफाई जरूरी हैl घर की सफाई से भी पहले, आत्मा पर जमी मैल को ईश्वरीय याद से हटाना जरूरी हैl मैल हटते ही प्रकाशमान […]

मानवता के दीप जलाएं, आओ हम सब मिलकर अब l मानवता के दीप जलाएं, रोशन करें हम जग को अब l आओ हम दीवाली मनाएं, मन का अहंकार मिटाएं l खुशियां हम मिलकर फैलाएं, आओ हम सब मिलकर अब l मानवता के दीप जलाएं…ll  दीप जले चाहे माटी के, या […]

मुल्क के पहरुओं को जागना जरूरी है, बढ़ रही तबाही को रोकना जरूरी है। योजना चली,लेकिन हर जगह नहीं पहुंची, फाइलें उठाकर ये खोजना जरूरी है। आने वाली पीढ़ी में अपना मुंह दिखाने को, एक वृक्ष उल्फत का रोपना जरूरी है। क्रांति आ नहीं सकती व्यक्तिगत लड़ाई से, इस कदम […]

यूं बिगड़ी है दुनिया की चाल देखिए। क्यों इंसा यहाँ है बेहाल देखिए॥ इनके पापा बेचारे हैं जेल में पड़े। और बेटी है घूमे नेपाल देखिए॥ ये भगवा पहन के हैं करते कुकर्म। सारी काली है इनकी ये दाल देखिए॥ सफ़ेदी है बेटों के बालों चढ़ी। पिताजी कर काले हैं […]

मेरी आँखों में बसे हो, क्या कोई स्वप्न हो? कौन हो तुम ? मेरी श्वांसों में बसे हो, क्या कोई तपन हो ? कौन हो तुम ? मुझमें समाए हो, क्या कोई अगन हो ? कौन हो तुम ? मेरी ही छवि में छाए हो, क्या कोई गगन हो ? […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।