कौन तड़प रहा है,इस समर भारत देश में, क्या किया तुमने त्रिकुणी टोपी सफेद वेश मेंl  भाषण में तुम जोश लिए,भाषण राग सुनाते हो, सुखी वादे कर हड्डियों को भी तुम सोख जाते हो। सकल देश का क्या तुमने हाल कभी भी देखा है, भाषण में तो तुमने नवनिर्मित विधान […]

 फिल्मी `दंगल` के कोलाहल से काफी पहले बचपन में सचमुच के अनेक दंगल देखे। क्या दिलचस्प नजारा होता था। नागपंचमी या जन्माष्टमी जैसे त्योहारों पर मैदान में गाजे-बाजे के बीच झुंड में पहलवान घूम-घूमकर अपना जोड़ खोजते थे। किसी ने चुनौती दी तो हाथ मिलाकर हंसते-हंसते चुनौती स्वीकार किया। फिर […]

प्रकाश पर्व का अभिनन्दन, सबका ज्योतिर्मय हो अंतर्मन। हम सब मिलकर दीप जलाएं, इस धरा से अंधेरा दूर भगाएं। शुद्ध करें निज मन मन्दिर को, छोड़ें व्याप्त क्रोध-अनल को त्यागें मन से लालच-विष को। विश्वात्म बनें! आत्म मिटाकर, परमात्म बनें! `मैं` को त्यागकर। ज्योति पर्व की इस बेला में, मन […]

करें रोशन दीपों से मन को हमारे। हर ले माँ लक्ष्मी दरिद्र दुख हमारेll    चहुँ और फैले ज्ञान का आलोक प्यारे। रहे सब जन गण मन सुख से हमारेll    नज़र में हम रहते हैं जिसके सहारे। वही मालिक जो टालता दुख हमारेll    धर्म के रास्ते अनेक बताए […]

तम की व्यथा मिटाने को बस एक दीया ही काफी है, रोशन अन्तर्मन करने को बस एक दीया ही काफी है। अँधियारे लाख मिले पथ में,न सरोकार मुझको उनसे, जग की आँखों का तारा,भटके राही का मात्र सहारा मैं… जग को विश्वास दिलाने को बस एक दीया ही काफी है।। […]

मिट्टी का दीपक, मिलकर सजाएं। सभी मिल करके, हम दीपक जलाएं। खुशियों का दिन है, खुशियाँ मनाएं। दिवाली आई है, दिवाली मनाओ। खुुशियों से मिट्टी, के दीपक जलाओ। दीपक जलाकर, दिवाली मनाओ। घर के हर कोने में, दीपक जलाते छत और मुंडेर पर, दीपक हैं रखते। तुलसाने के चारों, तरफ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।