आज बड़े मन से एक दीप जलाया है, प्रज्वलित हो जाये अब फिर से जीवन, हाँ मैंने फिर उम्मीदों का दीप जलाया है। दुखो की छाया को दूर करुँगा जीवन से, घनघोर अंधेरा जो जीवन मे उसे हटाने को हाँ मैंने फिर उम्मीदों का दीप जलाया है। बादल गरजे,बढ़ता जाता […]

एक बड़े शहर की पॉश कॉलोनी में बनवारी नाम का सब्जी वाला लगातार सब्जियां बेचने के लिए आता था। वह सब्जी वाला काफी समय से यहां पर सब्जियां दे रहा है और उसका संबंध वहां पर सभी लोगों से बहुत अच्छा है यूं तो बनवारी जो सब्जियां लाता है वह […]

प्रिया एक समझदार लड़की है,जो बचपन से एक ऐसे माहौल में पली बढ़ी है जहां पर उसने हमेशा अपने बड़े बुजुर्गों और माँ बाप का आदर सम्मान किया है और अपने माँ बाप की सारी बाते मानते हुए अपनी पढ़ाई की है।अपने पिता के सख्त स्वभाव के बाद भी उसने […]

मौन हुए शब्द,कलम भी निशब्द है। अंतरात्मा क्षुब्द,दिमाग भी ध्वस्त है।। मन की चीख़ों की मन मे मौत हो गयी। दिल की अग्नि लगभग शिथिल हो गयी।। जिज्ञासाओ का यौवन भी प्रौढ़ हो गया। बनते जहाँ स्वप्न,वो शयनकक्ष खो गया ।। अपनेपन की एक तस्वीर तराश रहा हूँ। बुझे चूल्हे […]

आग की लपटों के नीचे एक राख सी है। बर्फ पिघल रही है मगर एक भाप सी हैं।। यूं तो रोशनी हर तरफ उजाला फैलाती हैं । लेकिन लोगो के खुले जख्मो को दिखाती है।। माना ये अंधेरा एक सन्नाटा सा लपेटे है। पर ना जाने कितने दर्दो को अंदर […]

जीवन मे हर पल छला-छला सा लगता है। आईने में अपना चेहरा धुन्दला सा लगता है।। बारिश से बचने के लिए सहारा लिया था छत का। ध्यान दिया तो वो भी खुला खुला सा दिखता है।। अत्यधिक उम्मीदों को बनते बिगड़ते देखा है। कुछ छलावों से खुद को दिन में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।