देश की इस हालत को देखो, अफजल का अनुयायी नेता है। और वंदे मातरम् गाने वाला, गोली खाकर लेटा है। पत्थरबाजी करनेवाले को, सियासत की शह मिल जाती है। ‘जय हिन्दुस्तान’ बोलने पर, घर में ही गोली चल जाती है। सब चुपचाप बैठे हैं, कौन अपने बहुमत से खेले। देश […]

विचार,वाणी की स्वतन्त्रता देती हमें सम्मान हो, वेशभूषा की सरलता का हमें अभिमान हो, देश,भाषा,धर्म का न कभी अपमान हो। इस निलय में हर कहीं, बस राष्ट्र का गुणगान हो, जो राष्ट्र हित में लिखा जाए,ऐसा अनूठा गान हो। सच्चा वासी वही देश का जो उस पर कुर्बान हो, ऐसे […]

उनकी अपेक्षा बस इतनी है कि, तुम उन्हें नहीं भुलाओगे। मीठे-मीठे रंग घुले अभी यहां दिख रहे, सच तो यह है कि भले वर्तमान करता हो प्रदर्शन अपनी पहचानों की, मीठा शरबत तभी बना जब चीनी उसमें गल जाए। अदृश्य कणों की आशा होगी कि तुम उनका भी परिचय करवाओगे, […]

उनमें ज्यादा ही स्वाभिमान है, किसी काम को छोटा समझने का गुमान है। इस कशमकश में खुद ही, गुमनाम है बेचारा ही बनने का अभिमान है। उद्यमशीलता, उनका अपमान है। गरीबी,दरिंदगी, संत्रास को ओढ़े हुए फ़टी हुई चादर को समेटे हुए बीवी की लटें बिखरी हैं, क्योंकि आड़े में, स्वाभिमान […]

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माँ को सूली पे चढ़ा रख़ा है,देखो किसने।                                                        अपनी कोख से जिसे जन्म दिया है उसने॥ नहीं याद रहा कोई भी ऋण माँ […]

जब ऊँच-नीच का भेद रहा हो, सुनती सत्ता,चापलूसों का कहा हो पक्षपात की नीति बनी हो, व्यवस्थाएं भ्रष्टाचार से सनी हो, अब भी झूठा भाषण प्रधान रहा जो था शोषित-वंचित कल, वो वैसा ही आज रहा बोलो तुम कब तक यूँ ही, स्वप्न शीश महल का दिखलाओगे। बोलो कुछ तो, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।