हांथों में तिरंगा लिए,शान रखता हूँ मैं हिंदुस्तानी हूँ पहचान  रखता  हूँ इरादे अपने मैं  बदल नहीं  सकता हँसता हूँ हँसाता हूँ मुस्कान रखता हूँ जीना है मरना है वतन के खातिर कफ़न मेरा तिरंगा हो अरमान रखता हूँ हिन्दू,मुसलमान,शिख हो या ईसाई भाई हैं सभी मेरे सम्मान  रखता हूँ […]

वो दोहरे किरदार में मिलते है नेता देखो तकरार में मिलते है दल बदलते ढंग बदलते अब बदलाव व्यवहार में मिलते है चला रहे अपनी ही मनमानियां गुण  जैसे  रंगदार में  मिलते है गुस्से पर भी अपने  काबू नहीं सीन सारे अखबार में मिलते हैं गरीबों से वास्ता कहा रखते […]

दिल से दिल मिलाएंगे दीवाली में          खुशियां मनाएंगे दीवाली में धरती सजेगी अम्बर सजेगा    और धूम मचाएंगे दीवाली में महकेगा घर आँगन अपना    रंगोली सजायेंगे दीवाली में खूब बटेगी मिठाई और बतासे      फुलझड़ी जलायेंगे दीवाली में चारो तरफ होगा धूम धड़ाका   […]

आते जाते हमसे मिला कीजिये शुरू अब ये सिलसिला कीजिये चेहरे पे ये मायूसियां अच्छी नहीं मुस्कुराओ  और  खिला  कीजिये हम  सच्चे  साथी  पहचानों  जरा बात हमसे  करो न गिला  कीजिये खूबसूरत लगती हो मुस्काती जो तुम गुस्से में चेहरा लाल न पीला कीजिये साथ मेरे कभी गुजार लो पल […]

अल्हड़ सा वो बचपन याद आता है मुझे मेरा वो चंचल मन याद आता है गुजारे थे दोस्तो संग,वो पल सुखद मैंने वो खिलौने वो अपनापन याद आता है भीगें बारिश में ,सने धूल मिट्टी में नहाएं थे जो नदियों में बदन याद आता है गुनगुनी धूप में करते थे […]

राह हिंसा की तुम अपनाना नहीं जिंदगी बेकार,प्यार जिसने जाना नहीं राह अपना लो अहिंसा की यारों    शत्रु किसी को भी  बनाना  नहीं जहां चल  रहा  मोहब्बत  से  मानो   नफरतों को कभी तुम टिकाना नहीं गले से सभी को लगा लेना तुम    आँखे किसी को दिखाना नहीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।