हर शाम वो लड़की अपनी छत पर खड़ी रहती मानो मेरा और बस “मेरा” इंतज़ार करती रहती थी,, मैं भी जानता था की वो वही खड़ी होगी.. ये वाकया तो हर रोज़ का था,, कभी कभी जब वो वहां न दिखती तो मैं भी धीरे धीरे से उसकी गली में […]

उसी शहर में राजेश अपनी प्रेमिका के साथ रह रहा था, जिसमें उसकी पत्नी रश्मि कई वर्षों से अपने तीन बच्चों के साथ उससे अलग रह रही थी। वह विषय-वासना तृप्ति की भावना लिए आज काफी दिनों के बाद पत्नी से मिलने यकायक आ पहुँचा था। पत्नी की दुखती रग […]

विकास आज बेहद खुश था, क्योंकि उसके गमले में आज हरी हरी  और नन्हीं नंन्ही पत्तियां आ चुकी थीं। .. दस साल के विकास.ने आठ दस दिन पहले ही कटी हुई सब्जी के कचरे में से कुछ बीज अलग करके छोटे से गमले मे ं डाल दिये थे। गमले में […]

“मम्मा!  जब मैं पैदा हुई थी तो आपको अच्छा लगा था कि गंदा?” होमवर्क करते-करते दस वर्षीय रावी ने पूछा। “गंदा क्यों? घर  में सबको बहुत अच्छा लगा था, सबको एक प्यारी सी डॉल जो मिल गयी थी, दादू ने तो पूरे अस्पताल को अपनी फ़ेवरेट मिठाई खिलाई थी और […]

सनाया तीन बहनों में सबसे बड़ी थी। उसकी शादी हो चुकी थी। उसकी दो छोटी बहनें शहर के प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़ती थीं। सनाया का प्रायः अपने मायके आना-जाना होता रहता था। इस कारण वह मायके में होने वाले हर हलचल से परिचित रहती थी। उसकी दोनों बहनें सुन्दर होने […]

पिंकी के फोन की घंटी बजती है पिंकी “हेलो कौन” उधर से आवाज आती है “मैं रेनू कैसी हो पिंकी” पिंकी खुशी से झूम उठती है “अरे रेनू तुम कहाँ हो? तुम्हारा नंबर भी नहीं लगता,शादी के बाद से तो तुम्हारी कोई खबर ही नहीं है। भूल गई क्या अपनी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।