ऐ शाम तू काश रुक जाती… तुझे देखने को जी भर के, दिल करता है। तेरे जाने से गुमसुम रहता हूँ… अक्सर तन्हाइयों में, रात गुजर जाती है। ऐ शाम तू काश रुक जाती… तुझे देखने को जी भर के, दिल करता है। अक्सर रुसवाइयों से भरी… तेरी लालिमा मुझे […]

हाय! जल गई अग्नि-ज्वाल में, पद्मिनी संग सहस्त्रों रानियाँ। छू नहीं पाया बदन खिलजी, रही केवल राख निशानियाँ॥ लाज देह देश धरती की, कुर्बानी देकर बचा लिया। छल से पकड़ कैद कर राणा, को खिलजी ने दगा दिया॥ गोरा बादल वीर बांकुरे, शान थे राजपूताना के। गढ़ चितौड़ के नर […]

गूँज उठी थी किलकारी मेरे आँगन में, चांदनी की तरह शीतल-सी कली की तरह नाजुक-सी, मेरी प्यारी नन्हीं-सी बिटिया रानी थी। सौभाग्य है हमारा, घर-घर दी बधाइयां मेरा आँगन महकाया, बेटी तो घर की रोशनी होती हैं। सब कहते हैं दिखती हैं, माँ जैसी होती हैं माँ का सहारा, और […]

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ओढ़कर श्याम के रंग की ओढ़नी इस कदर आज मीरा दिवानी हुई, भूलकर वो जहां प्रीत की रीत में प्रेम की एक पावन कहानी हुईl छोड़कर महल,त्याग सब कुछ दिया प्रीत की डोर से बाँध उसको लिया, बोल मीठे हुए खुद हुई बाँसुरी श्याम के प्रेम में बस रहे आतुरी, […]

नई  सुबह आ रही विश्वास दीप जलेंगें। नव उमंग जाग रही,नए गीत रचेंगे॥ खेत की माटी बोल रही, ओ कर्मवीर उठ जाओ। प्राणों में हुंकार भरो, श्रम की फसल उगाओ। समुद्र में लहरें उठ रहीं कर्म दीप जलेंगे। नव उमंग जाग रही,नए गीत रचेंगे॥ जीत उसे हासिल होती, जो आशा-बल […]

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कि एक अजीब रिश्ता है वो, जो कभी जुड़ता नहीं,न मिटता है। यूं तो वो दोनों एक ही है, पर कोई सच तो उनकी आंखों में छिपता है। हां माना कि,हुस्न की शहजादी नहीं है वो, पर उसके चेहरे से महबूब के लिए बेतहाशा नूर झलकता हैै। हां माना कि,दिल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।