चारों तरफ हो खुशियां ही खुशियां,कहीं कोई गम न हो हर किसी की थाली में हो खाना और कोई आंख कभी नम न हो। बस नूतन वर्ष पर भगवान से है यही कामना मेरी भारत के लिए, जातिगत मिटे भेदभाव कोई किसी से जात में कम न हो। हंसी-खुशी के […]

1

क़त्ल करता है मुस्कुराहट का, उफ़्फ़ क़यामत है दर्द का झटका। सब गुज़रते हैं मेरे  सीने से, मैं हूँ इक पायदान चौखट का। बादलों से बचा लिया मैंने, चाँद लेकिन शजर में जा अटका। एक मुद्दत हुई ये दरवाज़ा, मुन्तिज़र है तुम्हारी आहट का। मैं जो दीदार को तड़पता हूँ, […]

नई उम्मीदें लेकर फिर,    नया साल आया है। घृणा-द्वेष मिटाने ये,      प्यार साथ में लाया है॥  नए सुहाने ख़्वाब देखता,       अजीब अल्हड़ बचपन है।   कश्मकश के भंवर में उलझा,          कैसा मानव जीवन है॥    सपने नए सजाने फिर,   […]

किसी ने खत भेजा है किसी ने अरमान भेजा है, ये कैलेण्डर का एक पन्ना क्या बदला सारा जहान भेजा है। कोई जो रोज मिलता है सुबहो-शाम उसने भी, और जो बरसों से सूरत नहीं दिखाता उसने भी, जो चार दिन पहले पड़ोस में रहने आया, दिमाग पर बहुत जोर […]

युग सृजन की नव कड़ी को जोड़ती मैं, कुप्रथा की बेड़ियों को तोड़ती मैं। रश्मियों को मैं सदा आहूत करती, रुख हवाओं का प्रभंजन मोड़ती मैंll दीप को देकर सहारा दीप्त करती, मैं सदा नव मल्लिका में ओज भरती। आँधियाँ-तूफान मेरे हमसफर, काल हो-कलिकाल हो,मैं नहीं डरतीll हम अनल में […]

  कोई औपचारिकता नहीं, इसलिए बने बनाए शब्दों का सहारा भी नहीं…। मैं नहीं चाहता कि, बरसों के घिसे-पिटे शुभकामनाओं के शब्दों को फ़िर से थोप दूं तुम पर, जैसा दुनिया करती आई है। मैं नहीं देता हूं तुम्हें… कोई बधाई या शुभकामनाएं, ‘इस अशुभ समय में’ अगर दूं तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।