आया फागुन बदला मौसम, खिल गई धरती और खिले हम। विहंसी नदिया सात समंदर, साज सजे धरती नित सुंदर। फूली सरसों,गेहूं हरसाया, चना-मटर संग रास रचाया। मादकता भरी हवा के अंदर, साज सजे धरती नित सुंदर। सहज प्रेम का मौसम है यह, विरही हृदय कहे कुछ रह-रह। हुआ आबाद जो […]

मैं तुझ आत्मा का कौन हूँ! पल-पल का साथी, तेरा हर व्यवहार हूँ मैं। तेरे सब रिश्ते-नातों  का सात्विक सार हूँ मैं, तुझमें ही रचा-बसा,घुला-मिला तुझसे भी पार हूँ मैं। पल-पल का साथी, तेरा हर व्यवहार हूँ मैं॥ तुझसे भरा हुआ,तुझसे भी रिक्त, तेरे ममत्व से स्वयं को कर अभिषिक्त […]

जानती हूं मैं नारी हूं, आदेश था बस सुन सकती। बरसों से यूं सुनती रही, अब बहुत कुछ कह सकती। चूंकि आज सतयुग है नहीं, मैं सीता नहीं बन सकती। चूंकि आज द्वापर भी नहीं, मैं राधा नहीं बन सकती। कल्पना चावला रूप धर, भेद अंतरिक्ष जा सकती। फाइटर-पायलेट बनकर, […]

अपने दुःखों को हमेशा, मुझसे छुपाती है मेरी माँ। मेरे लिए अनेक, कष्ट उठाती है मेरी माँ। मेरी नादान हरकतों पर, पड़ोसी बार-बार उलाहने देते, करके मेरी ही वकालत, मेरी हर बात दबाती है मेरी माँ। कहीं मेरी आदत न बिगड़ जाए, इसलिए कभी डाँटकर। कभी प्यार से, मुझे बार-बार […]

शिक्षण है कर्म मेरा,सुअनील बहाता हूँ। कर्म में हम रत रहें,यही ध्यान लगाता हूँ॥ गाँव बम्बू में जन्म लेकर, शिक्षा यही पाई है। शिक्षा पाकर बड़ा बन बेटा,ये दुनिया पराई है॥ दुनिया पराई है तभी,अपनी जानकर अपनाई है। सबको जीवन दिया माँ ने,कहते ईश्वर ने दुनिया बनाई है॥ मातृ रज़ […]

कितनी कलियों को जगाया मैंने, कितनी आत्माएँ परश कीं चुपके; प्रकाश कितने प्राण छितराए, वायु ने कितने प्राण मिलवाए। कितने नैपथ्य निहारे मैंने, गुनगुनाए हिये लखे कितने; निखारी बादलों छटा कितनी, घुमाए फिराए यान कितने। रहा जीवन प्रत्येक परतों पर, छिपा चिपका समाया अवनी उर; नियंत्रित नियंता के हाथों में, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।