ग्रन्थों, वेदों, पुराणों के पन्नों को जब-जब पलटा गया है, इतिहास का कोई नया पन्ना आगे लिखा गया है। उसमें मानव जाति के कल्याण के लिए किसी भी रूप में एक महान योद्धा का अवतरण का उल्लेख मिलता है जिसने मानव जाति को अत्याचारों की आंधी से निकाल कर प्रेम, […]

आचार्य श्री से जाने दुनियाँ, ऐसे गुरु हमारे हैं I नयनों में नेहामृत जिनके, अधरों पर जिनवाणी है। करका पावन आशीष जिनका, कंकर सुमन बनाता है I पग धूली से मरुआंगन भी, नंदनवन बन जाता है। स्वर्ण जयंती मुनिदीक्षा की, रोम रोम को सुख देती I सारे भेद मिटा, जन […]

सिया राम चरणों में वंदन। मेटो अब कलयुग का क्रंदन।। जब जब बढ़े पाप का भारा। तब तब प्रभु तुम ले अवतारा।। त्रेता माहि भया रिपु भारी। सुर नर मुनि का कष्टनकारी।। रावण नाम सकल जग जानी। दस शीशों का वह अभिमानी।। कलयुग माहि जनम पुनि लीन्हा। घोर तपस्या विधि […]

सब है मेरे अपने नही है कोई गैर नही किसी से दोस्ती न ही किसी से बैर अकेले आए है अकेले ही जाना न कोई अपना न ही बेगाना आत्मस्वरूप में रहे हम सब हम है प्रभु सन्तान कैसे कोई पराया हुआ सबको अपना मान खुद जीओ दुसरो को जीने […]

सरकारें अपने नागरिकों से कई तरह के कर वसूलती हैं और आश्वासन देती हैं कि पैसे का सही उपयोग होगा. मुश्किल यह है कि लोगों के पैसे को सरकार या सरकारें ऐसे खर्च करने लगती हैं जैसे वह पैसा उन्हें विरासत में मिला है और उस पैसे को जैसे चाहें […]

माँ से मैं हूँ माँ से तुम हो, माँ से है संसार सारा। माँ ही साथी माँ ही सहारा, माँ ही हमारी बहारा।। माँ तेरा आँचल शीतल छाया, तेरा आशीष धन है हमारा। निश्छल प्रेम की सागर है तू, तुझसे चले जीवन धारा।। माँ तेरी लोरी माँ तेरी थपकी, हमको […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।