1. स्वभाव का गुण बदलता नही पानी जितना भी गर्म हो आग फिर भी बुझायेगा। या उबलकर ठण्डा हो जायेगा। 2. अब दोस्ति के खत किताब की औट मेँ नही, बल्कि चेहरे कि किताब पर पढे जाते है। 3. लिवासोँ की आजादी के लिये ईन्कलाब होने लगे है। शायद अब […]

मौन… पीडा को जीने का साहस है अनर्गल पर अंकुश है मौन स्वाभिमान की पराकाष्ठा है। परन्तु मौन हलाहल भी है जब फूटते है भीतर ही भीतर असंख्य ज्वालामुखी मौन फंदा है जब तुम कुढते हो दिल से दिमाग तक…। मौन मेरी स्वीकृति है तुम्हेँ स्वतन्त्र रखने को मौन प्रतिकार […]

गंगा में है गन्दगी पावनता का है अकाल शुकदेव भी आहत है देख शुकतीर्थ का हाल परीक्षित को जिस धरा पर भागवत कथा सुनाई थी उस धरा की गंगा मैली देख आँखे भर आई है लिखने को तो सत्ताधीशो ने पानी को अमृत लिख डाला है पर आचमन दूर स्नान […]

जिंदगी हैं आगे बढ़ने के लिए मंजिलो को पाने के लिए न रुकने के लिए न थकने के लिए लाख मुश्किलें आएँगी मगर निरंतर चलना हैं मुझे नहीं घबराना रख होंसला संभालना हैं मुझको। लोग  बदलेंगे बदलना हैं मुझको लड़ती हु निरंतर अपने आप से क्युकि मुझे पाना हैं मंजिलो […]

मेरी शिक्षा मातृभाषा में हुई, इसलिए ऊँचा वैज्ञानिक बन सका – अब्दुल कलाम उच्च तकनीकी क्षेत्र जैसे उपग्रह निर्माण जिसे उच्च तकनीक कहा जाता जो बहुत कठिन एवं क्लिष्ट तकनीक होती है, उसमें आज तक कोई विदेशी कंपनी इस देश में नहीं आई | भारत जिसने १९९५ एक आर्यभट्ट नमक […]

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देश के मैदानी इलाकों में भले ही बरसात का मौसम आफत लेकर आता हो लेकिन ऊँचे पहाड़ों पर यही बरसात कुदरत की खूबसूरत नैमतें लेकर आती है |कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाये तो बरसात पहाड़ों को इस तरह सजाती संवारती है की सदैव पहाड़ों पर रहने वाले लोग भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।