बापू राष्ट्रपिता तो अटल राष्ट्रनेता हैं कहने में कोई अतिश्योक्त‍ि नहीं हैं बल्क‍ि यथेष्ठ और गौरव की अनुभूति है। वास्त‍‍वि‍कता में यही यथार्थ व मौलिकता है लिहाजा, युगो-युगि‍न तप, कर्म, त्याग और बलिदान से महात्मा गांधी जैसे राष्ट्रपिता और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे राष्ट्रनेता के दीदार देश को होते है। हम खुशनसीब हैं […]

          व्यग्र-प्रतीक्षा चहलकदमी रही कर, आ जाये समाचार शायद इस  पल आज गमन तो  निश्चित   है, मृत्यु- पर्व तुम्हारा निश्चित है। सदैव रहे  तुम नायक दुर्धर्ष ,  मोड़ दे जो संग्राम का रुख, फिर तुमने  वही कर दिखाया.. पंद्रह अगस्त का सम्मान रखा जन-गण-मन का  मान‌‌  […]

काल के कपाल पर अब कौन लिख पायेगा अंधकार है अब  चारो ओर कौन रोशनी लाएगा मर्यादा सब भूल गए अनुशासन कौन सिखलाएगा काल के कपाल पर अब कौन लिख पायेगा……. सियासत का था वो चमकता सितारा सराबोर इस दुनिया को जो कर गया सुनी पड़ी हैं सब शहर की गलियां […]

तन से मन का बस ये ….कहना। फिर फिर जीना फिर फिर मरना। **** उसको देखो दुख मत …… देना। जिससे तुमने सीखा ……सहना। **** इन आँखों के आँसू……. पौंछो। मौत रही  है  मेरा…….. गहना। **** जब जाऊँ जग से मैं सुन लो। आँखों से कहना मत बहना। **** आज […]

आज समूचा देश शोक के महासागर में डूब गया है। देश का एक महान सपूत चुपके से इस लोक से अलविदा कह गया है। मेडिकल साइंस के सारे प्रयोग असफल हो गए हैं। देह यात्रा जैसे पूरी हो गई है। आत्मा परम धाम की अनंत यात्रा पर निकल चुकी है। […]

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में हुआ| उनके पिता का नाम कृष्णा बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था| उनके पिता कृष्णा बिहारी वाजपेयी अपने गाव के महान कवी और एक स्कूलमास्टर थे| अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ग्वालियर के बारा गोरखी के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।