चीख रही है धरती आज तड़प रहा है अंबर। अश्रु बहाती गंगा अपनी अस्थिर है दिगंबर (ब्रह्मांड)। छोड़ गया है आज हमें वह देख जिसे था सीखा जीना। सीखा गया है आज हमें वह शंकर बन हलाहल पीना। सूनी संसद भरती आंहें भारत माता पड़ी है मौन। त्राहि त्राहि पूछ […]
जयजयजयजयअटलबिहारी । राजनीति भी तुमसे हारी।। पच्चीस दिस सनचौबिसआई। अटल बिहारी जन्में भाई।। कृष्ण बिहारी पिता तुम्हारे। जो शिक्षक थे सबसे न्यारे।। कविता साहित्य खूब रचाये। दीन दुखिन को लगे लगाये।। भाषण व्यंग्य कविता गाई। हिन्दी भाषा मुकुट बनाई।। राष्ट्रसंघ में भाषण दीना। सारे जग ने हिन्दी चीह्ना।। सन सत्तावन […]
