दिल किसी का दुखाना नहीं हमको चेहरा किसी से छुपाना नहीं हमको तिरंगा लहराते हम शान से चलते है कभी सर भी झुकाना नहीं हमको दूरी बनाकर हम रखते है उनसे भी ग़द्दारों को पास बिठाना नहीं हमको दिखाए आँख जो हमको चिर देंगे हम गलती से भी आजमाना नहीं […]
मत पूछो कोई रूह में समाए तो कहाँ तक जिन्दगी के हर तार धड़काए तो कहाँ तक मुझको लगता ही नहीं खुद में फकत मैं हूँ अंजान दिल में घर कर जाए तो कहाँ तक चाँद पर जाकर आसमां उतारने की ज़िद है बेख़बर मुझको दिवाना बनाए तो कहाँ तक ज़मीं गगन क्या है उसके तोहफ़े के लायक खुबसूरत ताजमहल भी बनाए तो कहाँ तक रब छीने जो चाहत के दम वापस ले आऊँगा दिल्लगी इब्तिदा अंजाम जाए तो कहाँ तक क़यामत का आख़िरी हसीं तराश लिया होगा क्या बताऊँ मैं नज़रों को लुभाए तो कहाँ तक कुदरत के इशारों को अदा में क़ैद कर ली है जाने मुद्दत को दर-बदर नचाए तो कहाँ तक नाम:राजीव कुमार दास पता: हज़ारीबाग़ (झारखंड) सम्मान:डा.अंबेडकर फ़ेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान २०१६ गौतम बुद्धा फ़ेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान २०१७ पी.वी.एस.एंटरप्राइज सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान १४/१२/२०१७ शीर्षक साहित्य परिषद:दैनिक श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान १५/१२/२०१७ काव्योदय:सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान:०१/०१/२०१८,०२/०१/२०१८,०३/०१/२०१८३०/०१/२०१८,०८/०५/२०१८ आग़ाज़:सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान:२५/०१/२०१८ एशियाई […]