खेलने खाने दो उनको, टहल कर आने दो उनको; ज़रा गुम जाने दो उनको, ढूँढ ख़ुद आने दो उनको। नहीं कोई कहीं जाता, बना इस विश्व में रहता; रमा स्वार्थ कभी रहता, तभी परमार्थ चख पाता। प्रयोगी प्रभु उसे करते, जगत विच स्वयं ले जाते; हनन संस्कार करवाते, ध्यान तब […]

(अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष) भारत की शान है योग, गीता,वेद,पुराण है योग। सबका कल्याण है योग, भारत की जान है  योग॥ संस्कृति की आन है योग, प्रकृति का वरदान है योग। शरीर  की  स्फूर्ति है  योग, वीरों-सी शक्ति  है  योग॥ स्वस्थता का राज है योग, मन की एकाग्रता है योग। […]

  अपना देश भी कितना अजीब है, हर कोई इन्सानियत का रकीब है। बेटे और बेटियों की बोली लगती है, कलम चलाने वालों पर गोली चलती है। कभी कोई पत्रकार बेचारा जाता है, कभी कोई साहित्यकार मारा जाता है। दर्जनों के हत्यारे को जमानत मिलती है, सत्य-वक्ता को यहाँ जेल […]

है नाट्यशाला विश्व यह,अभिनय अनेकों चल रहे; हैं जीव कितने पल रहे,औ मंच कितने सज रहे। रंग रूप मन कितने विलग,नाटक जुटे खट-पट किए; पट बदलते नट नाचते,रुख़ नियन्ता लख बदलते। उर भाँपते सुर काँपते,संसार सागर सरकते; निशि दिवस कर्मों में रसे,रचना के रस में हैं लसे। दिगदर्श जो नायक […]

स्कूल,स्वागत द्वार सजाएं, आओ प्रवेश उत्सव मनाएं। तिलक से करें हम स्वागत, नवप्रवेशी बच्चे शाला आएं॥ बेटा-बेटी को खूब  पढ़ाएं, अशिक्षा का तिमिर मिटाएं। शिक्षा ही विकास की सीढ़ी, ऐसा संदेश घर-घर फैलाएं॥ किताब,गणवेश मुफ्त पाएं, स्वादिष्ट  भोजन  मन भाएं। साईकिल,छात्रवृति,बेहतर शिक्षा हेतु नामांकन कराएं॥ बच्चे दौड़े-दौड़े शाला आएं, आओ […]

1

कब जोड़ना कब छोड़ना, है जानता मन-मोहना; रेशम-सी डोरी खींचता, रहता है वह भी उन्मना। पाता कहाँ वह रख गोद ही, पड़ता सिखाना चलन भी; मन जीव के है बोध भी, चलना चहे वह स्वयं भी। गिरता व पड़ता जब चले, विश्वास निज पैरन करे; निगरानी नज़रों में रहे, है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।