ऐ शाम तू काश रुक जाती… तुझे देखने को जी भर के, दिल करता है। तेरे जाने से गुमसुम रहता हूँ… अक्सर तन्हाइयों में, रात गुजर जाती है। ऐ शाम तू काश रुक जाती… तुझे देखने को जी भर के, दिल करता है। अक्सर रुसवाइयों से भरी… तेरी लालिमा मुझे […]

एक कथा दो सभ्यता, बुनी पटकथा कर दी खता। परतंत्र थे न स्वतंत्र थे, आतताइयों के सब षड्यंत्र थे। अपने ही कुछ गद्दार थे, उनके बढ़े यूँ अत्याचार थे। दोहराओ तुम न भुलाओ तुम, घाव दासता के दिखलाओ तुम। भूलेंगे न हम बलिदान को, बट्टा न लगे कुलमान को। उत्तेजित […]

(बाल दिवस विशॆष) नटखट बच्चे,चंचल बच्चे, लगते हैं सबको अच्छे बच्चे। न हो शोषण,न हो अन्याय इन पर, क्योंकि,ये ही हैं भारत का खिलता कमल। चाचा-मामा के चहेतों के संग चल, आओ बनाएं उज्जवल भारत का कल। अगर दिखें ये मजदूरी करते,भीख माँगते, चाय बनाते,कचरा बीनते,इनको रोकें। हम दस्तक अभियान […]

 (बाल दिवसपर विशेष) प्यारे बच्चों, बहुत-बहुत प्यार,आप सभी को `बाल दिवस` की ढेरों शुभकामनाएं। ये दिन आपके लिए ही बनाया गया है-खूब खेलो,मस्ती करो,साथ ही थोड़ा पढ़ो भी। आप जितने बड़े होते हो,उसी अनुसार दुनिया का आकलन करते हो,जबकि आपके माता-पिता अपनी उम्र और अनुभवों के आधार पर दुनिया देखते […]

अनिता बचपन से ही मनमौजी, महत्वाकांक्षी और बिंदास थी। पिता ने उसे बहुत लाड़ से पाला,और समय आने पर योग्य चिकित्सक से उसकी शादी तय कर दी। डॉ.अमित को जीवन के थपेड़ों ने बचपन में ही बड़ा बना दिया था। पिता की मृत्यु के बाद माँ को सम्हालते हुए पढ़ाई […]

नज़र भर न देखो, नज़र को नज़र से नज़र को नज़र की, नज़र लग न जाए। शहर में क़हर है, क़हर में शहर है ठहर जा शहर में, क़हर हो न जाए। ज़हर ही ज़हर को, ज़हर-सा है काटे ज़हर से ज़हर को, ज़हर हो न जाए। पहर दो पहर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।