जीव धरा पर जो भी है है परमात्मा की ही देन जो जीव पर हिंसा करे कहलाता नही वह नेक दया,करुणा,ममता सब है मानवता के आभूषण जो इनको धारण करे होते वही समाज भूषण जीवात्मा ज्योतिबिन्दु है होती अजर अमर है परमात्मा भी उसी रूप मे परमधान रहवासी है आत्मा […]

झूठ,बेईमानी,मक्कारी में हो रहे कुछ लोग मालामाल सत्य,ईमानदारी,सादगी में भले लोग हो रहे रोज बेहाल चोंकिए नही इसका दोषी है कलियुग का महाकाल गधे पजरी खा रहे है बौद्धिक बजा रहे सिर्फ गाल इस कलियुग के प्रभाव से अब तो मुक्ति पानी होगी जो विकार घेरे है हम सबको उनको […]

सद्चिन्तन से दूर होती जीवन की हर चिंता तनाव भी हर लेती है बनती दुखो की हंता परचिंतन से दूर रहे स्वचिंतन करते रहे स्वस्थ तन मन होगा जीवन खुशियो भरा होगा बाहरे भी खिल जायेगी जीवन मे रंग भर जायेगी आत्म सन्तोष भरपूर होगा आत्मा मे नूर होगा । […]

सदा सत्य के पथ जो चले सफलता वही तो पाते है जो असत्य का मार्ग चुने वे कष्टो से घिर जाते है एक झूठ सौ पाप बराबर एक सच सौ पुण्य बराबर इनमे से जो पुण्य कमाए वही शांति खुश को पाते है आत्मा भी उनकी पावन रहती परमात्म आनन्द […]

कन्या घर की रौनक है इसे समझ लो खूब जो कन्या का मान करे पून्य मिले भरपूर कन्या थोड़ी भी बड़ी हो ख्याल रखती है सबका घर के काम मे हाथ बटाये दिल जीत लेती है सबका आधी आबादी की प्रतीक बन पूरी आबादी को आबाद करे धर्म परायण रहे […]

जिनको मिलता है बड़ों का आशीर्वाद वो पार तर जाते हैं, जो करते हैं बड़ों की उपेक्षा वे ही कष्ट बहुत पाते हैं, बुजुर्ग सेवा नारायण सेवा मेवा वही तो पाते हैं, मानते हैं जो बड़ों की बात सफल वही हो पाते हैं, माँ-बाप ही भगवान हैं घर के जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।