प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस 18 जून पर विशेष  अश्व पर  बैठी मर्दानी हाथों में लेकर कृपाल । पवन वेग-सी गति चल पडी बन शत्रु का काल ।। कण-कण में भर ज्वाला रण में बनी थी वह चंडी । इसकी   देखकर  वीरता नतमस्तक हुए […]

सदा मन एकाग्र रहे ऐसा करिए ध्यान व्यर्थ चिंतन से मुक्ति मिले सद्चिन्तन का मिले ज्ञान किसी का बुरा न हो कभी ऐसा करे व्यवहार गैर भी अपने हो जाएं लोग करे सत्कार फर्श से अर्श जब मिले फर्श न भूलना यार निरहंकार बने रहे मिले परमात्म प्यार।     […]

पिता साधना है जीवन की पिता भावना है तरक्की की । पिता मुस्कान है बचपन की पिता आराधना है संस्कार की ।। पिता परिभाषा है योगासन की पिता अभिव्यक्ति है जीवन की । पिता धरोहर है घर-परिवार की पिता अनुभूति है अनुशासन की ।। पिता प्राणायाम-सी ऊर्जा घर की पिता […]

ईद इंसान मे इंसानियत लाती है ईद भाईचारा और मोहब्बत लाती है ईद ईद जो सब्र का पैमाना है ईद जो खुशियों का खजाना है ईद जो सब्र का तोहफा है ईद जोडती है इंसानी रिश्तों को ईद तोड़तीहै नफरत की दीवारो को चांद निकलने पर आती है ईद रमजान  […]

सब्र का फल मिलता जरूर है रमजान के बाद ईद जरूर है रोजा बढ़ना खुदा की इनायत है खुदा खुश है तो चेहरों पर नूर है एक दिन व्रत तीस दिन रोज़ा बहुत कम है यह दिन रोज आ सिर्फ भूखे रहना ही नही है मकसद खुदा की याद है […]

हिमालय की चोटी को छूना चाहता हूँ । परींदो जैसा गगन मैं उडना चाहता हूँ ।। खुशियों की फिजा में जीना चाहता हूँ । ध्रुव तारे की तरह चमकना चाहता हूँ ।। शिल्पकार की तरह आकार देना चाहता हूँ । विवेकानंद,चाणक्य की तरह बनना चाहता हूँ ।। मेरे हर एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।