जीवन एक नाटक है इसे समझ लो खूब इससे लगाव करने की कभी न करो भूल दृष्टा बनकर रहोगे जब तक बेहद का सुख पाओगें तब तक परमात्मा है निर्देशक इसका जो करायेगा ,वही करेंगे हम रोल अपना निभाएंगे हम फिर फिक्र किस बात की प्यारे जब प्रभु ही नाटक […]
बच्चियो पर अत्याचार हो रहे हम शर्मशार वहशी दरिंदो की भरमार नही मिल रहा ठोस उपचार संस्कार विहीन समाज है न शर्म है ना लाज है कानून व्यवस्था लचर है अपराधियो का असर है पीडितो की सुनवाई नही खाते डांट फ़क़त है सुरक्षा दो ,बेटी बचेगी संरक्षण दो ,बेटी पढ़ेगी। […]
खुली जगह है गांव में बसेरा यही बनाओं शुद्ध हवा और हरियाली छोड़ शहर मे मत बस जाओ भाईचारा रिश्तेनाते गांव की अनूठी धरोहर है मिट्टी की भीनी खुशबू से पूरा गांव लबालब है रोजगार गर मिले गांव में पलायन का न हो संकट किसान मजदूर हो खुशहाल गरीबी का […]
गंगा में है गन्दगी पावनता का है अकाल शुकदेव भी आहत है देख शुकतीर्थ का हाल परीक्षित को जिस धरा पर भागवत कथा सुनाई थी उस धरा की गंगा मैली देख आँखे भर आई है लिखने को तो सत्ताधीशो ने पानी को अमृत लिख डाला है पर आचमन दूर स्नान […]
जो पेड़ फलो से लदा हो वह पेड़ स्वयं झुक जाता है प्रकृति से सबक जो लेता उसे जीना आ जाता है ताकत मिलने पर गरूर न हो विन्रमता कभी कमजोर न हो धैर्य कभी न खोये जो अपना राजनेता हो वही बस अपना जनता के जो दिलो मे बसता […]
कबीरा खड़ा बाजार मे मांगे सबकी खैर न भाजपा से दोस्ती न कांग्रेस से बैर कबीर जो समाज सुधारक रहे कट्टरपंथियो को फटकारते रहे हिन्दू मुस्लिम दोनो के है प्यारे आज भी है वे दिल के तारे मगर राजनीति डायन हो गई मगहर पर ही राजनीति हो गई कबीर […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।