मिले सभी को ठौर भटके न कही कोई ईश्वर रहे मेहरबान शान्ति जग में होई रहना है सुरक्षित तो आँख खोल लो भाई कुछ भी खरीदने से पहले उसे तोल लो भाई जागो ग्राहक जागो यही है हमारा नारा तभी रक्षित होगा आज और कल हमारा#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 549

चिरनिंद्रा में सोई दादी राख अंगार हुई दादी सोने मानिद तपकर ओर निखर गई दादी देह से तो परे रहती थी शिव संग वह रहती थी देह रूप में जली दादी आत्म रूप में जीवित दादी देखो वह शिव बाबा संग है चेहरे पर मुस्कान गज़ब है फ़रिश्ता बन सब […]

याद करो उस प्रभु को जिसने तुमको जन्म दिया दुनिया मे लाते ही तुमको मां जैसा उपहार दिया हवा, पानी ,सुंदर प्रकृति मुफ्त में दिया है तुमको पिता रूप में दुलार दिया विवेक ज्ञान दिया तुमको इतना सब मिला है जब कृतज्ञता अभिव्यक्त करे परमात्मा का धन्यवाद यह भाव अभिव्यक्त […]

उत्तराखंड में टूट गया चार साल का सन्नाटा डबल इंजन फेल हुआ विफलता का लगा चांटा पक्ष विपक्ष दोनों ही थे नाराज़ इंजन न चलने से सबसे फिस्सडी कहलाया काम कोई न करने से बदहाली उत्तराखंड की सबक जरूर सिखाएगी नेतृत्व परिवर्तन की घुट्टी किसी काम न आएगी।#श्रीगोपाल नारसन Post […]

अजन्मा, अविनाशी ,अशरीरी है शिव हम सबका पालक परमात्मा है शिव खुशी,सुख,प्रेम ,आंनद वह देता है समेटकर दुःख सारे, वह हर लेता है पिता,गुरु,शिक्षक का शिव से नाता है ज्ञान,सेवा,धारणा वह सिखलाता है अशांति,द्वेष,तनाव दूर भाग जाते है शांति,सदभाव आकर बस जाते है ज्योतिबिंदु स्वरूप है परमात्मा उसी स्वरूप में […]

ईश्वर ने भेजा था उनको ईश्वरीय सेवा करने के लिए शोभा से ह्र्दयमोहिनी बनी जनकल्याण करने के लिए आठ साल की बाली उम्र में उनमें रूहानियत आ गई थी परमात्म साक्षात्कार हुआ उनकी काबिलियत छा गई थी चार दर्जे तक पढाई करके कई भाषाओं की ज्ञाता बनी ईश्वरीय वरदान ऐसा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।