ममता की निर्मलधारा

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naveeta johari
माँ से बच्चे का रिश्ता रूहानी होता है
कैसे आँचल में खिलखिलाता है
प्यार की थपकी पहचान लेता है
लोरी सुन चैन से सो जाता है
   पहली गुरू बन माँ सिखाती है
    उसे जीवन का ककहरा
    बताती है क्या है खोटा
    और क्या है खरा
ममता की निर्मलधारा से सींचती है
नन्ही आँखों में उगते सपनों को
देती है विश्वास की नींव जिस पर
खड़ी हों सफलता की मीनारें
    अन्नपूर्णा बन देती है
    स्वास्थ्य का  उपहार
   तो कभी सखा बन देती है
    व्यक्तित्व को निखार
कभी प्रतिदान की अपेक्षा भी नहीं रखती
दुआओं प्रार्थनाओं में मंगलकामनाएं रहतीं
जो  बचातीं हर मुश्किल से कवच बनकर
माँ ईश्वर का वरदान है इस धरती पर
            # नविता जौहरी
              भोपाल ( म. प्र.)

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