चन्दा मामा

0 0
Read Time1 Minute, 49 Second
baijnath
मैंने चन्द्रमा से किया प्रश्न
तुम्हें लोग ‘मामा’ कहकर
क्यों होते हैं प्रसन्न?
चन्दा ने कहा-
सुनो मेरे यार,
मैं अपनी भानजी व भानजों कॊ
देता रहता हूँ माँ जैसा प्यार।
खिलौना बनकर करता हूँ
उनकी मनुहार
चाँदी के कटोरे में देता हूँ
दूध-भात का उपहार
मुझसे ही होती है दूर
उनकी रोज-रोज की त्रियामा,
इसीलिए कहते हैं लोग मामा।
एक ही सागर से हुई है,
मेरी और लक्ष्मी की उत्पत्ति
राहु और केतु देते रहते
हैं मुझे विपत्ति,
मेरी बहन के पास हैै
अतुलनीय सम्पत्ति
लक्ष्मी के बेटे का हूँ मामा,
धनहीन जन सभी का मामा।
मेरी ही गोद में बीतती
है उनकी यामा,
धनहीन जन सभी का मामा,
व साला होता हैै
सभी के अधरों तक पहुँचने
वाला मिट्टी का प्याला होता हैै,
इसलिए कहते हैं लोग मामा॥
                                                            #डॉ.बैजनाथ पाण्डेय
परिचय:डॉ.बैजनाथ पाण्डेय की जन्म तिथि-१८ मार्च १९४३ तथा जन्मस्थान- लोलपुर मथेला (चन्दौली,उत्तर प्रदेश) है। आपका निवास उत्तर प्रदेश का मिर्ज़ापुर शहर है। शिक्षा एम.ए. और पीएचडी है। यही शहर आपका कार्यक्षेत्र  तथा सामाजिक क्षेत्र भी है। आप गद्य व पद्य दोनों में ही लिखते हैं। काव्य संग्रह और उपन्यास का प्रकाशन हो चुका है। आपके लेखन का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

भाग रहा...

Fri Oct 6 , 2017
  भाग रहा है भाग रहा है, जाना कहां,                                                                  पता कहां है जुटा हुआ है लगा हुआ है,  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।