एक आहट-सी…

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sanju

दिन,कई दिन छिपा रहा जैसे,
खौफ़ कोई सता रहा जैसेl

सुबह सूरज को नींद आने लगी,
अब्र चादर उड़ा रहा जैसेl

एक आहट-सी लग रही मुझको,
कोई पीछे से आ रहा जैसेl

हम मुसाफ़िर हैं एक जंगल में,
खौफ़ रस्ता दिखा रहा जैसेl

उलझा-उलझा-सा एक चेहरा ही,
सौ कहानी सुना रहा जैसेl

बढ़ गया आगे काफ़िला मेरा,
मुझको माझी बुला रहा जैसेl

                                                                                    #संजू शब्दिता

परिचय: संजू शब्दिता का जन्म स्थान भादर(अमेठी,उत्तरप्रदेश) में १९८४ का हैl आप वर्तमान में इलाहाबाद में रह रही हैंl शिक्षा एमए (हिन्दी साहित्य) के साथ ही `नेट` और जेआरएफ भी हैl अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचित ग़ज़लें प्रकाशित होती रही हैl दो ग़ज़लों को सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायिका भारती विश्वनाथन ने स्वर दिए हैं। रेडियो से दो बार ग़ज़ल का प्रसारण हुआ है। वर्तमान में आप ‘समकालीन हिन्दी ग़ज़ल’ विषय पर शोधरत हैंl 

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।