गणतंत्र दिवस विशेष- व्यथा दिवस की

30 0
Read Time2 Minute, 1 Second

सभी अधिकारों का रक्षक अपना यह गणतंत्र पर्व है,
प्रजातंत्र ही मंत्र हमारा हम सब को इस पर गर्व है।
आज़ादी के दीवानों का स्वप्न सच कर दिखाएँगे,
ऐसे हम स्वाभिमान से गणतंत्र दिवस मनाएँगे।

हर्ष, जोश और उमंग संग मैं मन मन मुस्काई,
ख़ुश मुझे देख कामवाली बाई छुट्टी मांगने आई।
कल सब घर पर होंगे, काम भी होगा ज़्यादा,
बदलता पारा देख उसने, किया आने का वादा।

अगले दिन समय पर काम करने वो आई,
भारी मन उसका पर सब काम निपटाई।
जाते-जाते मैंने उसको गणतंत्र वाली लड्डू थमाई,
वास्तव में पिछले दिन के व्यवहार पर मुझे शर्म थी आई।

उसने पूछा, आज किस बात की छुट्टी सप्ताह के बीच,
तिरंगा क्यों फ़हराया है हर गली मोहल्ले बीच?
मैं गर्व से बोली, ‘आज गणतंत्र दिवस है,
हमारे देश को संविधान आज मिला था।’

मैंने उसे गणतंत्र दिवस से अवगत कराया,
तो उसकी आँखों में एक प्रश्नचिह्न पाया।
वो बोली जानती नहीं इस बारे में,
उम्र मेरी बीती है गरीबी के बाड़े में।

जिसकी भाग्य में दरिद्रता हो,
उसके लिए इसका क्या अर्थ हो?
मेरे लिए यह दिन वैसे ही आम है,
मुझको कहाँ छुट्टी, कहाँ आराम है?

सुनकर उसकी बात मैं तनिक सकपकाई,
देख उसकी आँखें बात मुझे समझ में आई।
‘कल जल्दी आना’, कहकर मैंने सहजता दिखलाई,
जाते-जाते अनेक सारगर्भित विचारों का द्वार खोल गई।

सुष्मिता द्वारकानी माहेश्वरी

अहमदनगर, महाराष्ट्र

matruadmin

Next Post

गणतंत्र दिवस विशेष- गणतंत्र दिवस हमारा है

Mon Jan 23 , 2023
26 जनवरी गणतंत्र दिवस हमारा शहीदों ने, क्रांतिकारियों ने अपना सर्वस्व लुटा कर देश को आज़ाद कराया बुज़ुर्ग देशभक्तों ने जनता को शामिल कर भारत का संविधान बनाया 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू हुआ इसीलिए 26 जनवरी गणतंत्र दिवस कहलाया 26 जनवरी गणतंत्र दिवस है हमारा। आज़ादी […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।