स्व. खानविलकर की स्मृति में काव्य संध्या संपन्न

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कुक्षी-युवा मंच द्वारा स्व. राजेन्द्र खानविलकर की प्रथम पुण्य तिथि पर शारदा सृजन मण्डल के कवियों द्वारा काव्यमय प्रस्तुति देकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । मंच पर अतिथि के रूप में व्याख्याकार व ज्योतिषाचार्य कैलाशचंद्र शर्मा , डॉ. ओ पी गुप्ता ,संरक्षक मण्डल के मनोहर मण्डलोई , प्रकाशचंद्र गुप्ता , नरेश चौधरी , शारदा सृजन मण्डल के संयोजक रविन्द्र जैन , ट्राइबल वेलफ़ेयर टीचर्स एसोशिएशन के वरिष्ठ प्रान्तीय उपाध्यक्ष मुकेश पाटीदार व युवा मंच के अध्यक्ष जगदीशचंद्र गुप्ता मौजूद थे ।
इस अवसर पर श्री राजेन्द्र खानविलकर को श्रद्धांजलि देकर उनके साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला गया । वक्ताओं ने कविताओं व उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें एक उत्कृष्ट साहित्यकार बताया । कार्यक्रम में भंवरसिंह परिहार , रविन्द्र जैन , भुपेन्द्र वर्मा , वीरेंद्र त्रिवेदी , दीपक शर्मा , कौशल वर्मा , अमृता भावसार ,डॉ अजीज लक्की , जितेन्द्र भावसार , पण्डित कैलाशचंद्र शर्मा , ने काव्य के माध्यम से तो एडवोकेट राजेन्द्र गुप्ता व गीतकार यतीन्द्र डूंगरवाल ने गीतों के माध्यम से उन्हें याद किया । डॉ निर्मल पाटीदार , नरेश चौधरी , मनोहर मण्डलोई , प्रकाश गुप्ता, देवेन्द्र जैन, राकेश गुप्ता , मुकेश पाटीदार , प्रफुल्ल जैन , राजेन्द्र जैन , सुनेश जैन , रवि जैन , सुरेन्द्र गुंजाल , श्रीदेसाई ने उन्हें एक अच्छा साहित्यकार व योग्य शिक्षक बताया । समापन उद्बोधन व आभार मंच के अध्यक्ष जगदीशचंद्र गुप्ता ने किया व संचालन मनोज साधु ने किया ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।