बेटी क्या श्राप है

0 0
Read Time1 Minute, 40 Second

सर उठा कर चल नहीं सकता
बीच सभा के बोल नहीं सकता
घर परिवार हो या गांव समाज
हर नजर में घृणा का पात्र हूँ।
क्योंकि “बेटी” का बाप हूँ ।।

जिंदगी खुलकर जी नहीं सकता
चैन की नींद कभी सो नहीं सकता
हर एक दिन रात रहती है चिंता
जैसे दुनिया में कोई श्राप हूँ।
क्योकि “बेटी” का बाप हूँ।।

दुनिया के ताने कसीदे सहता,
फिर भी मौन व्रत धारण करता,
हरपल इज़्ज़त रहती है दाँव पर,
इसलिए करता ईश का जाप हूँ !
क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !!

जीवन भर की पूँजी गंवाता
फिर भी खुश नहीं कर पाता
रह न जाए बेटी की खुशियो में कमी
निश दिन करता ये आस हूँ
क्योकि “बेटी” का बाप हूँ।।

अपनी कन्या का दान करता हूँ
फिर भी हाथजोड़ खड़ा रहता हूँ।
वरपक्ष की इच्छा पूरी करने के लिए
जीवन भर बना रहता गूंगा आप हूँ
क्योकि “बेटी” का बाप हूँ।।

देख जमाने की हालत घबराता
बेटी को संग ले जाते कतराता।
बढ़ता कहर जुर्म का दुनिया में
दोषी पाता खुद को आप हूँ।
क्योकि “बेटी” का बाप हूँ।।

हाल ही में जो घटना बेटी के साथ घटी उसे देखकर अपने आप को रोक नहीं पाया। फिर लिखी मैंने उपरोक्त रचना जो शायद आपको जरूर झकझोर देगी।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई )

matruadmin

Next Post

हिंदी को बोलियों से मत लड़ाइए

Sun Oct 4 , 2020
मनुष्य की भांति भाषाओं का भी अपना समय होता है जो एक बार निकल जाने के बाद वापस नहीं लौटता।इसे हम संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश इत्यादि के साथ घटित इतिहास के द्वारा समझ सकते हैं।यह ऐतिहासिक तथ्य है कि आदिकाल में राजस्थानी मिश्रित डिंगल और पिंगल शैली तथा बुंदेली एवं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।