संस्कारो ने बनाया

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जब मेरा जन्म हुआ था
तब बुआ की उम्र थी 25।
खानदान में दूसरी पीढ़ी का
में पहला चिराग था।
इसलिए खानदान में हर्ष
उल्लास बहुत हुआ था।
क्योंकि जमीदार के यहां
पुत्र का जन्म हुआ था।
इसलिए गाँव में और रिश्तेदारों
में खुशियां आपार थी।।

समय गुजरता गया
मैं बड़ा होता गया।
दादादादी नानानानी
बुआ चाचाचाची आदि
सबसे प्रेम मिलता था।
परन्तु पिताजी की गोद
कभी नहीं चढ़ सका।
क्योंकि वो जमाना शर्म
लज्जा संस्कारो के साथ
बड़ो को इज्जत देने वाला था।।

मांगे मेरी सब पूरी की जाती थी
पर पूरी करने वाले
मेरे पिता नहीं होते थे।
ये बात नहीं थी कि
पिताजी प्यार नहीं करते थे।
परन्तु उस समय की मान
मर्यादाओं के अनुसार चलते थे।
जिसके कारण ही संयुक्त
परिवार चलते थे।।

डरता नहीं अगर पिताजी से
उस जमाने में।
तो आज इस शिखर पर
नहीं पहुँच सकता था।
और हिंदी साहित्य के लिए
इतना आदर नहीं रख पाता।
ये सब दादा दादी नाना नानी और
पारिवारिक संस्कारो का परिणाम है।।

पर अब हालात बहुत अलग है
जिसमें मान मर्यादाओं और
संस्कारो का अभाव है।
जिसके चलते ही बाप बेटा
साथ बैठकर पीते है।
और नशा हो जाने के बाद
एक दुसरो को गालियां देते है।
और अपनी खानदान को
सड़क पर नंगा कर देते है।
और आज के लोग इसे
मॉडर्न जमाना कहते है।।

जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।