घर में रहता हूं ….!!

0 0
Read Time1 Minute, 12 Second
tarkesh ojha
tarkesh ojha

लॉक डाउन और कोरोना की त्रासदी ने आदमी की जिंदगी को अनचाही कैद में तब्दील कर दिया है. पेश है इसी विडंबना पर खांटी खड़गपुरिया की चंद लाइनें ….

लॉक डाउन है , इसलिए आजकल घर पे ही रहता हूं .
बाल – बच्चों को निहारता हूं , लेकिन आंखें मिलाने से कतराता हूं .
डरता हूं , थर्राता हूं .
लॉक डाउन है , इसलिए आजकल घर पे ही रहता हूं .

बिना किए अपराध बोध से भरे हैं सब
इस अंधियारी रात की सुबह होगी कब .
मन की किताब पर नफे – नुकसान का हिसाब लगाता हूं .
लॉक डाउन है , इसलिए आजकल घर पे ही रहता हूं .

सामने आई थाली के निवाले किसी तरह हलक से नीचे उतारता हूं .
डरता हूं , घबराता हूं , पर सुनहरे ख्वाब से दिल को भरमाता हूं .
लॉक डाउन है , इसलिए आजकल घर पे ही रहता हूं .

तारकेश कुमार ओझा

लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।

matruadmin

Next Post

कवि नहीं वह अभिनेता है

Thu Jul 30 , 2020
कुछ लोगों को लगता है कि वह एक कवि है क्योंकि वह कविताएँ लिखता है परंतु कविताएँ लिखी नहीं जातीं उनका तो जन्म होता है कविताएँ उन्मुक्त होती हैं किंतु वह उन्हें बाँधकर रखना चाहता है अपनी संकीर्ण मानसिकता की परिधि में वह अपने गाँव में रहता है गाँव में […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।