
गुरु पूनम
1..
शिक्षक का आदर करो, गुरुजन पूजित होय।
प्रथमा गुरु माता कहें, पितु भी गुरुपद जोय।।
2..
जो हमको शिक्षा दिये, शिक्षक गुरु सम मान।
उनको है सादर नमन, तज माया आभिमान।
3..
शिक्षा सत अभ्यास है, जीवन भर कर हेत।
जिनसे सीखें गुरु वही, परिजन प्रिये समेत।।
4..
गुरु ब्रह्मादि महेश से, गुरु विष्णो सम पूज।
साँचे गुरु बिरले मिले, जैसे चंदा दूज ।।
5..
गुरु जीवन संसार है, जीवन का सत सार।
मातु पिता गुरु तीसरे, इन पर गुरुतम भार।।
6..
राधाकृष्णन जयन्ती, शिक्षक दिव उपलक्ष्य।
धन्य भाग ऐसे पुरुष, कभी धरा पर दृश्य।।
7..
उप पद पहले राष्ट्रपति, बने हमारे देश।
महामहिम दूजे हुए , शिक्षा के परिवेश।।
8..
शिक्षक निर्माता कहे, देश व शिष्य सुजान।
इनके ही सम्मान सें ,मिले हमें अरमान।।
9..
रीढ समाजी हैं यही, शिक्षक,और किसान।
जय जवान के साथ ही, बोलो जय विज्ञान।।
10..
निर्माता गुरु देश के, राजा रंक जहान।
चेले भी शक्कर हुए, गुरु भी हुए महान।।
11..
रामलखन के गुरु बने, मुनिवशिष्ठ महाभाग।
रघुकुल के कुलगुरु रहे,पूजित अबतक राग।।
12..
विश्वामित्र महान मुनि, वन ले गये लिवाय।
रामलखन मख रक्षते, जनकपुरी ले जाय।।
13..
ज्ञान पुंज वाल्मीकि थे, विद्या के आगार।
सीत शरण,लवकुश पठन,रामायण रचिहार।।
14..
कृष्ण सुदामा अरु सखा,विद्या पढ़ते संग।
गुरु संदीपन आश्रमे, गुरु जग नाथ प्रसंग।।
15..
कौरव पाण्डव थे हुए, जग में नामी वीर।
द्रोणाचारी गुरु बड़े ,अनुपम विद्या धीर।।
16..
घटन हुई इकलव्य की, गुरु जनि द्रोणाचार्य।
दिए अंगुठा दक्षिणा, नाम अमिट कुल आर्य।।
17..
मध्यकाल में गुरु प्रथा, साँच निभाये पंत।
नानक,कबिरा धीर जन, तुलसी दादू संत।।
18..
राम दास गुरु की व्यथा, हरे शिवाजी वीर।
दूध शेरनी का दिए, खूब दिखाये धीर।।
19..
मिली कृपा शिवराज को, जीजाबाई मात।
क्षत्र पते राजा बने, देश धर्म हित ज्ञात।।
20..
मीरा अर रैदास भी, सतजन गुरु पद पाय।
पीपा नीमा रामदे , लोक देव कहलाय।।
21..
राम कृष्ण तो हंस थे,सत गुरु मेटे द्वंद।
बालक नाथ नरेन्द्र को, किया विवेकानंद।।
22..
दयानंद स्वामी रहे, गुरु जन संत महान।
आर्य समाजी पंथ है,अब भी चले जहान।।
23..
राजनीति में भी हुये , गुरु पद पर आसीन।
चाणक्,तिलक,व गोखले,गाँधी नाम प्रवीन।।
24..
सबमिल गुरु को मान दें,अंतर्मन सनमान।
बिन गुरु के नुगरा बनें, सतगुरु ही भगवान।।
25..
प्रभु से पहले गुरु नमः, हरि की रीति प्रतीत।
शर्मा बाबू लाल कह, गुरु को नमन पुनीत।।
बाबू लाल शर्मा “बौहरा” विज्ञ
सिकंदरा, दौसा,(राज.)