मालवी नानी बारता

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नाना यो कई है
एक गाव में एक बुडी दादी अपना ओटला बैठी थी साथेज उको छोरो भी उका साथे बैठो थो ,छोरा की उमर होगी याज कोई ३०-३५ साल की | बुडापा का कारण डोकरी कई भी उलटी सीधी बात करती रेती थी | इतरा में वा एक कागलो आई के बैठी गयो तो माँ ने पूछियो बेटा से के नाना यो कई है ? छोरो बोल्यो बई यो कागलो है इके अपन सराद में पुड़ी भज्जा खावाडा हां | थोड़ी देर बाद माँ ने फिर पूछी लियो नाना यो कई है ? छोरा ने फिर की दियो के बई यो कागलो है अभी तो थारे बतायो थो |माँ चुप हुई जावे | फिर थोड़ी देर बाद फिर डोकरी पूछे नाना यो कई है अबे छोरो गरम हुई जावे बई थके कितरी बार की दियो के यो कागलो है अबकी बार छोरो माँ पे गुस्सो थो | माँ चुप हुई जावे ने रस्ता पे टकटकी लगाई के देखती रे | थोड़ी देर बाद फिर माँ पूछे नाना यो कई है ? अबकी बार तो छोरो जोर से चिल्लावे बई थके कितरी बार बतायो के यो कागलो है ने थारे मालम है यो कागलो है फिर घड़ी घड़ी क्यों पूछी ने म्हारो दिमाग ख़राब करे ?अबकी बार माँ हँसते थकी बोली नाना तू जद तीन साल को थो तो तने इनाज ओटला पे म्हारा से चालीस बार पुछ्यो थो के यो कई है ? और म्हने पूरी चालीस बार थारा माथा पे प्यार से हाथ फेरी के और थारा गाल चूमी के जवाब दियो थो के यो कागलो है एक बार भी गुस्सो नि हुई थी और तू तीन बार में ज नाराज हुई गयो |सुनाता ज छोरा की आख से अश्रुधारा फूटी पड़ी और माँ के गले लगाई लियो |

राजेश भंडारी “बाबू”

इंदौर(मध्यप्रदेश)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।